सख्त रवैये से नाराज पार्षदों ने तो पहले ही बोल दिया है कि वे किसी राजा-महाराजा के युग में जी रहे हैं. वहीं अब कुछ पार्षदों ने मेयर की कार्यशैली को देख श्री पब्लिकेशन का मामला भी उठा दिया है.
बैठक स्थगित करने पर सवाल
वार्ड 10 के पार्षद अर्जुन यादव ने कहा है कि आखिर समझ में यह नहीं आता है कि मेयर आशा लकड़ा के मन में क्या है. पहले तो वह बैठक बुलाती हैं, लेकिन जब पार्षद जनहित का मामला उठाते हैं तो वह बैठक को स्थगित कर देती है. मेयर की मनमानी समझ के परे है.अकेले निर्णय नहीं ले सकतीं मेयर- पार्षद
वहीं एक अन्य पार्षद ने कहा है कि निगम की अध्यक्ष होने के नाते मेयर का यह रवैया सही नहीं है. निगम क्षेत्र में कौन सा मुद्दा परिषद में आएगा और कौन सा नहीं, यह निर्णय वह अकेली नहीं कर सकती है. सभी पार्षदों का भी राजधानी के विकास में अहम रोल है. इससे पहले भी मेयर ने श्री पब्लिकेशन का मामला उठाया था, लेकिन हल कुछ भी नहीं आया. अर्जुन यादव ने कहा है कि कुछ दिन पहले होल्डिंग टैक्स वसूली को लेकर काम मिला श्री पब्लिकेशन कंपनी को लेकर भी मेयर ने काफी मनमानी की. काफी पेपरबाजी हुआ. लेकिन निष्कर्ष कुछ निकाला नहीं. श्री पब्लिकेशन ही काम कर रही है. लेकिन अचानक मेयर चुप हो गईं. क्यों, यह एक सवाल है. अब वह कुछ क्यों नहीं बोल रही हैं. साफ है कि मेयर का निजी या किसी अन्य के लिए स्वार्थ है, इसलिए ही वह ऐसा करती है.मेयर और नगर आयुक्त में विवाद
बता दें कि रांची निगम निगम में आने वाले एजेंडे में नगर आयुक्त द्वारा जोड़े कुछ विषयों को लेकर मेयर काफी आगबबूला है. बैठक के बीच में ही मेयर ने नगर आयुक्त को यहां तक कह दिया कि बैठक का पालन उन्हें नहीं करना है तो मत कीजिए. इससे नाराज नगर आयुक्त का जवाब भी काफी कड़ा है. आईएएस अधिकारी ने कहा है कि अगर उन्होंने झारखंड नगरपालिका के किसी नियम का उल्लंघन किया है, तो वे इस्तीफा देने को तैयार है. https://lagatar.in/akshay-kumar-is-excited-for-ram-sethu-shared-first-look/43531/https://lagatar.in/tmcs-complaint-to-election-commission-about-pm-modis-visit-to-temple-of-matua-community-in-bangladesh/43528/
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