नेता सलमान खुर्शीद ने कहा, 2024 में पार्टी 120-130 सीटें जीत सकती है, फिर भी सत्ता पाने की उम्मीद
हस्ताक्षर करने वालों में विक्रम चंद्रा , शर्मिला टैगोर , रोमिला थापर शामिल
इस बाबत देश के कुल 1,150 हस्ताक्षरकर्ताओं ने महिला लेखकों को बहाल करने के लिए याचिका दायर की है. खबरों के अनुसार मामले से जुड़ी याचिका डीयू के मिरांडा हाउस से अंग्रेजी के चार एसोसिएट प्रोफेसरों (दीपिका टंडन, सरस्वती सेन गुप्ता, शम्पा रॉय और शर्मिला पुरकायस्थ) द्वारा मंगाई गयी थी. हस्ताक्षर करने वालों में लेखक विक्रम चंद्रा और पेरुमल मुरुगन, अभिनेत्री शर्मिला टैगोर व नंदिता दास सहित स्कॉलर रोमिला थापर और जयति घोष भी शामिल हैं. जान लें कि याचिका में अखिल भारतीय दलित महिला अधिकार मंच, एशिया दलित अधिकार मंच, बांग्ला दलित साहित्य संस्था और दलित मानवाधिकार के लिए राष्ट्रीय अभियान सरीखे दलित संगठनों ने भी हस्ताक्षर किये हैं. बता दें कि डीयू दो दलित लेखकों के साथ प्रसिद्ध लेखिका महाश्वेता को पांचवें सेमेस्टर के अंग्रेजी पाठ्यक्रम से हटाने पर विरोध झेल रही है. इसे भी पढ़ें : आरएसएस">https://lagatar.in/rss-mohan-bhagwat-again-said-every-indian-is-a-hindu-muslims-need-not-fear/">आरएसएसचीफ मोहन भागवत ने फिर कहा, हर भारतीय हिंदू है, मुसलमानों को डरने की जरूरत नहीं
हटाये गये ग्रंथ मौलिक रूप से महत्वपूर्ण हैं
याचिका पर हस्ताक्षर करने वालों के संयुक्त बयान में कहा गया है कि हटाये गये ग्रंथ मौलिक रूप से महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि वे दलित और आदिवासी समुदायों के प्रणालीगत उत्पीड़न को महसूस करने में मदद करते हैं. खासकर लिंग के संदर्भ में…और हमारे समकालीन लोकाचार और राजनीति की बेहतर प्रशंसा प्रदान करते हैं. क्या यह ऐसा कुछ नहीं है, जिसे स्वतंत्र भारत के युवा पुरुषों और महिलाओं को जानने और उनसे जुड़ने की जरूरत है? एक बेहतर और समान दुनिया का निर्माण कैसे होगा? या क्या हम विरोध करने वाली महिला और आदिवासी को दिल्ली विवि 2021 के पाठ्यक्रम की परिधि में वापस ला रहे हैं? हम किससे डर रहे हैं इसे भी पढ़ें : ट्राइब्यूनल्स">https://lagatar.in/sc-stunned-on-passing-the-tribunals-reforms-act-2021-cji-said-we-do-not-want-any-conflict/">ट्राइब्यूनल्सरिफॉर्म्स ऐक्ट, 2021 पारित कराने पर SC और मोदी सरकार में ठनी, CJI ने कहा, हम कोई टकराव नहीं चाहते
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