Lagatar Desk : बिहार के सीएम नीतीश कुमार बीजेपी से अलग होकर उसी के खिलाफ मोर्चा खोल दिये है. नीतीश कुमार सभी विपक्षी पार्टियों को एक जुट करने में जुटी हुई है. हरियाणा में 25 सितंबर को विपक्षी पार्टी के नेताओं का बीजेपी के खिलाफ एकजुट होने की संभावना है. बता दें कि नीतीश कुमार पिछले कुछ दिनों से दिल्ली दौरे पर हैं. वो कई विपक्षी नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं. साथ ही साल 2024 के लोकसभा चुनाव में विरोधी दलों को एकजुट कर एक मंच पर लाने की कोशिश भी कर रहे है.इसी कोशिश के तहत 25 सितंबर को हरियाणा के फतहाबाद में पूर्व उपप्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल चौटाला की जयंती के अवसर पर विपक्षी दलों का एक साथ एक मंच में जमा होने की संभावना है. पढ़ें – जस्टिन बीबर की तबियत बिगड़ी, वर्ल्ड टूर किया कैंसिल, 18 अक्टूबर को दिल्ली में था परफॉर्मेंस
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कई विपक्षी नेता होंगे शामिल
इस रैली में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भी शामिल होने की संभावना है.
साथ ही नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला, एसएडी के अध्यक्ष प्रकाश सिंह, सपा के संरक्षक मुलायम सिंह यादव, यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव और बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी प्रसाद यादव सहित अन्य विरोधी दल के नेताओं के उपस्थित होने की संभावना है.
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जानें कौन- कौन नेता होंगे शामिल
दिल्ली में नीतीश कुमार और आईएनएलडी और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के बीच हुई बैठक में इस सभा की रूपरेखा पर चर्चा हुई है.उसके बाद सभी विरोधी दल के नेताओं को एक मंच में आने के लिए आमंत्रण भेजा गया है. सूत्रों का कहना है कि ममता बनर्जी, फारूक अब्दुल्ला, प्रकाश सिंह बादल, मुलायम सिंह यादव, नीतीश कुमार, अखिलेश यादव और तेजस्वी यादव ने सभा में शामिल होने की पुष्टि की है. सभा में शामिल होने के लिए एनसीपी प्रमुख शरद पवार, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव और तेदेपा प्रमुख चंद्रबाबू नायडू को भी सभा में शामिल होने के लिए आमंत्रण भेजा जा रहा है.
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ममता बनर्जी भी लगातार विरोधी दलों को एकजुट करने की कोशिश कर रही
बता दें कि पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी भी लगातार बीजेपी के खिलाफ विरोधी दलों को एकजुट करने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन अभी तक कोई बड़ी सफलता नहीं मिली है. अब यह भविष्य ही बतायेगा कि नीतीश कुमार की यह कोशिश क्या रंग लाती है. तृणमूल कांग्रेस का मानना है कि लोकसभा चुनाव के पहले विरोधी दलों का एकजुट होना बहुत ही जरूरी है. तभी बीजेपी को पराजित किया जा सकता है.
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