Ranchi : अनुबंधकर्मियों के स्थायीकरण के विरोध में आदिवासी संगठनों का सत्याग्रह सह धरना का आयोजन 11 फरवरी को किया
जाएगा. यह कार्यक्रम मोरहाबादी में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष
होगा. राष्ट्रीय आदिवासी समाज सरना धर्म रक्षा अभियान के तहत इस कार्यक्रम में कई आदिवासी संगठन हिस्सा
लेंगे. यह निर्णय धर्मगुरू बंधन तिग्गा की अध्यक्षता में मंगलवार को आयोजित बैठक में लिया
गया. बैठक में डॉ करमा उरांव, विद्यासागर केरकेट्टा, कमल उरांव, शिवा कच्छप, नारायण उरांव, अमर उरांव, रवि तिग्गा, एतवा किस्पोट्टा,
बलकू उरांव,
रंथू उरांव, संगम उरांव, बिहारी उरांव, सूरज खलखो, माधो कच्छप,
बहुरा उरांव, जीता उरांव , दिनेश उरांव, विजय उरांव , एवं एम उरांव, हेमंत गाड़ी, विशाल तिग्गा, पंकज टोप्पो, अनिता
गाड़ी शामिल हुए.
सरकार से मांग - अनुबंध पर नियुक्ति हुए कर्मियों के स्थायीकरण का विरोध, क्योंकि उक्त नियुक्तियों में एसटी-एससी के आरक्षण नियमों का खुल्लम खुला उल्लंघन हुआ है.
- राज्य में शिक्षक, तृतीय एवं चतुर्थ संवर्गीय ढाई लाख पद रिक्त हैं. इन रिक्तियों के विरुद्ध नियुक्ति प्रक्रिया राज्य सरकार शुरू करे.
- राज्य बनने के 21 वर्षों में आरक्षित वर्ग के हजारों पद बैकलॉग वैकेंसी के रूप में है. इन रिक्तियों की गणना राज्य सरकार करे और आरक्षित वर्ग का हक सुनिश्चित करे.
लिये गये फैसले - 12 मार्च 2023 को मोरहाबादी मैदान में सरना धर्म महारैली आयोजन करने का निर्णय लिया गया.
- 2 फरवरी को गुमला जिला के टुंगरी थाना अंतर्गत सिरसीता नाले में सरना धार्मिक महाजुटान होगा, जिसमें विभिन्न राज्यों से हजारों की संख्या में सरना श्रद्धालु जुटेंगे.
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