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आज पढ़ें, गांव की खबर-09, ओरमांझी पांचा: 790 लोगों की आबादी वाले गांव में 40 फीसदी लोग बीमार, 3 की मौत

  • 45 दिन पहले 300 लोगों को मिला वैक्सीन का पहला डोज, ग्रामीण कर रहे दूसरे डोज का इंतजार
  • ग्रामीण इलाकों में कोरोना से मिलते जुलते लक्षणों से हो रही मौतें,जांच नहीं होने के कारण सरकारी रिकॉर्ड में मौत नहीं हो रही दर्ज

Ranchi: कोरोना की दूसरी लहर में गांवों में तेजी से संक्रमण फैल रहा है. राज्य में सबसे ज्यादा संक्रमित राजधानी रांची में मिल रहे हैं. वहीं राजधानी रांची के ग्रामीण इलाकों में भी कोरोना का कहर जारी है. जिला मुख्यालय से सटे गांवों में संक्रमित मरीजों की संख्या दिनों-दिन बढ़ रही है. ग्रामीण इलाकों में मौत भी हो रही है. मरने वालों में बुखार, सर्दी,खांसी, बदन दर्द के ​लक्षण मौजूद थे. लेकिन यह मौत बिना किसी जांच के सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज नहीं हो रहे हैं.

रांची से करीब 30 किलोमीटर दूर स्थित उत्तर पांचा पंचायत में काफी संख्या में लोग बीमार हैं. 790 लोगों की आबादी वाले इस गांव में 40 फीसदी लोग बीमार हैं. बीमार लोगों में कोरोना वायरस के सामान्य लक्षण दिख रहे हैं. एक महीने के अंदर गांव में तीन लोगों की मौत हुई है. दीपक ठाकुर (35 वर्ष), राजेंद्र कसेरा(60 वर्ष) और एक बुजुर्ग महिला की मौत के बाद इलाके के लोग दहशत में हैं. जिन तीन लोगों की मौत हुई है उनमें कोरोना के लक्षण दिख रहे थे. लेकिन उनका कोविड टेस्ट नहीं हुआ था. मतलब साफ है कि यह तीन मौत संदेह के घेरे में हैं. लेकिन सरकारी रिकॉर्ड में नहीं हैं.

जो मौत हुई उनमें क्या थे लक्षण

दीपक ठाकुर ने टाइफाइड का टेस्ट कराया था और वह दवा ले रहा था. वहीं राजेंद्र कसेरा को सांस लेने में परेशानी आ रही थी. बुजुर्ग महिला भी कई दिनों से बीमार थी. उधर गांव के कई लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है. सत्येंद्र कसेरा (35 वर्ष) कई दिनों से बीमार हैं. उसे लगातार बुखार आ रहा है. नीतीश कुमार साहू (38 वर्ष) की भी हालत गंभीर है. उसमें कोरोना के लक्षण देखे जा रहे हैं. गजानंद साहू (70 वर्ष) ने 20 दिन पहले कोरोना का टीका लिया था. उसके बाद से वो लगातार बीमार हैं. पवन साहू (35 वर्ष) भी कई दिनों से बुखार और सर्दी-खांसी की समस्या से जूझ रहे हैं.

उप स्वास्थ्य केंद्र में लगा हुआ है ताला

गांव में मौजूद स्वास्थ्य उप केंद्र में ताला लगा हुआ है. लोगों को इलाज के लिए प्राइवेट क्लीनिक का सहारा लेना पड़ रहा है. जिसके प्रति परिवार पिछले दो एक माह में 500 से लेकर 2000 रूपये खर्च कर चुके हैं. वहीं स्वास्थ्य उप केंद्र में मौजूद कर्मियों को डीसी के आदेश से रांची के अस्पतालों में प्रतिनियुक्त कर दिया गया है. इस वजह से पांचा ही नहीं पूरे प्रखंड के बीमार लोगों की समस्या बढ़ गई है. घटना-दुर्घटना के इलाज और प्रसव के लिए भी लोगों को डॉक्टर नहीं मिल रहे हैं.

गांव में कोरोना संक्रमण को लेकर जागरुकता का अभाव

लोगों में जागरुकता के अभाव के कारण भी संक्रमण फैल रहा है. सामान्य सर्दी-खांसी और बुखार बताकर लोग कोरोना की जांच नहीं करवा रहे हैं. सिर्फ पारासिटामोल का टैबलेट लेकर बुखार और अन्य लक्षणों से लड़ रहे हैं. गांव में कोविड जांच के साथ-साथ वैक्सीनेशन की भी स्थिति ठीक नहीं है. 300 लोगों ने वैक्सीन का पहला डोज लिया है. 45 दिन पूरे हो चुके हैं, लेकिन अबतक दूसरा डोज नहीं लगाया जा सका है.