Ranchi : झारखंड ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड के अधीन कार्यरत लगभग 7000 मानव दिवस कर्मियों की उपेक्षा और शोषण को लेकर झारखंड ऊर्जा विकास श्रमिक संघ ने निगम प्रबंधन को सख्त चेतावनी दी है.
संघ ने कहा है कि यदि शीघ्र ही कर्मियों को बोनस भुगतान, बकाया वेतन निपटान और नियमितीकरण की दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो पूरे राज्य में विद्युत ब्लैकआउट आंदोलन चलाया जाएगा.
संघ के अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि आउटसोर्स कर्मी निगम के कार्यों की रीढ़ की हड्डी हैं, जो पूरे साल 365 दिन बिना अवकाश काम करते हैं. इसके बावजूद उन्हें न तो समय पर वेतन मिल रहा है और न ही बोनस का भुगतान किया जा रहा है. कई एरिया बोर्डों में महीनों से वेतन बकाया है, जिसके कारण हजारों परिवार भुखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं.
संघ की मुख्य मांगें इस प्रकार हैं-
- सभी तृतीय एवं चतुर्थ वर्गीय रिक्त पदों पर नियमित नियुक्ति की जाए.
- 2016 और 2018 की भांति कार्य अनुभव को प्राथमिकता और आयु सीमा में छूट दी जाए.
- 2014 के सर्वे फाइल के आधार पर 10 वर्ष से कार्यरत कर्मियों की सीधी नियुक्ति हो.
- अधिसूचना संख्या 625 (Destination Mapping) को निगम और तीनों अनुषंगी कंपनियों में समान रूप से लागू किया जाए.
- सभी एजेंसियों को तत्काल बोनस भुगतान और बकाया वेतन का निपटारा करने का निर्देश दिया जाए.
अजय राय ने कहा कि अब यह स्थिति सहन-सीमा से बाहर हो चुकी है. निगम प्रबंधन यदि इस पर त्वरित कार्रवाई नहीं करता, तो संघ आंदोलन के लिए बाध्य होगा और पूरे राज्य में ब्लैकआउट की स्थिति पैदा होगी. इसकी पूर्ण जिम्मेदारी निगम प्रबंधन की होगी.
संघ की ओर से इस संबंध में एक विस्तृत ज्ञापन ईमेल के माध्यम से झारखंड के मुख्यमंत्री, निगम के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक और प्रबंध निदेशक को प्रेषित किया गया है.
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