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फ्यूचर मेडिकल प्रैक्टिशनर्स का एक समूह बनाना है
इस अवसर पर स्विचऑन फाउंडेशन झारखंड के वरिष्ठ परियोजना प्रबंधक दीपक बारा ने कहा, कार्यक्रम का प्राथमिक उद्देश्य फ्यूचर मेडिकल प्रैक्टिशनर्स का एक समूह बनाना है, जो वायु प्रदूषण के मुद्दों के बारे में जानेंगे और जागरूकता पैदा करेंगे. इस प्रकार आवश्यक नीति, कार्रवाई और नागरिक सशक्तिकरण को सक्षम करेंगे. उन्होंने आगे कहा कि मेडिकल छात्र जो स्वास्थ्य विशेषज्ञों का भविष्य हैं, इस जागरूकता में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं. कार्यशाला में मेडिकल छात्रों और अंसगठित क्षेत्र के दैनिक वेतन भोगियों के अनुभव भी साझा किये गये.समाज के बीच जागरूकता फैलाने की उम्मीद
कार्यशाला में प्रख्यात डॉक्टरों ने भाग लिया और अपने अनुभव छात्रों के बीच साझा किया. इनमें पद्मश्री डॉ कामेश्वर प्रसाद, निदेशक रिम्स, डॉ विद्यासागर, डॉ देवेश कुमार, डॉ अत्रि गंगोपाध्याय, चेस्ट काउंसिल ऑफ इंडिया से जुड़े डॉ नम्रता अग्रवाल महनरसरिया शामिल थे. कार्यशाला के बाद मेडिकल छात्रों से कम से कम 10 कार्यशालाओं का आयोजन, कम से कम 500 व्यक्तियों को जागरूक करके मेडिकल छात्रों, युवाओं और उनके समाज के बीच जागरूकता फैलाने की उम्मीद की गई. इसे भी पढ़ें – वेंटिलेटर">https://lagatar.in/jharkhands-health-department-on-ventilator-failed-even-after-full-help-from-the-center-pratul-shahdev/">वेंटिलेटरपर झारखंड का स्वास्थ्य विभाग, केंद्र से भरपूर मदद के बाद भी नाकाम : प्रतुल शाहदेव [wpse_comments_template]

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