Ranchi : सदर अस्पताल को कोविड अस्पताल के रूप में विकसित किया गया है. यहां कोरोना के गंभीर रोगियों का इलाज चल रहा है. अस्पताल में लगे मेनिफॉल्ड में 20 से ज्यादा वेंटिलेटर को ऑक्सीजन सप्लाई कर चलाने की क्षमता नहीं है. यही कारण है कि 18 वेंटिलेटर अस्पताल में बगैर इस्तेमाल के धूल फांक रहे हैं. स्थिति ऐसी हो गई कि धूल फांकते-फांकते आधा दर्जन से ज्यादा नए वेंटिलेटर बगैर इस्तेमाल के ही खराब हो गए. जिन्हें बुधवार को अस्पताल प्रबंधन द्वारा मरम्मत के लिए भेजा गया है.
वेंटिलेटर चलाने वाला एक्सपर्ट सदर अस्पताल में नहीं
सदर अस्पताल में कोरोना के गंभीर मरीजों के लिए वेंटिलेटर की उपलब्धता तो है लेकिन उसे चलाने वाला एक भी जानकर एक्सपर्ट चिकित्सक अस्पताल में नहीं है. मेडिसिन के ही चिकित्सक अपने समझ के अनुसार पिछले कुछ दिनों से वेंटिलेटर का संचालन कर रहे हैं. ऐसे में यही मशीन चलाने नहीं जानने वाले अगर इस्तेमाल करेंगे तो उपकरण का खराब होना स्वाभाविक है. गौरतलब है कि सदर अस्पताल में 60 वेंटिलेटर थे, इसमें से 22 वेंटिलेटर रिम्स भेजे गए थे. 38 वेंटिलेटर को सदर में ही उपयोग में लाने की बात थी, लेकिन एक्सपर्ट की कमी और मेनिफॉल्ड के प्रेशर के कारण करीब 18 वेंटिलेटर बंद पड़ी हुई है.
मशीन खराब होने के कारण ICU के मरीजों को नहीं मिल पा रही है सुविधा
सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ एस मंडल ने कहा कि कुछ वेंटिलेटर को मरम्मत के लिए भेजा गया है. मशीन खराब होने के कारण आईसीयू में ज्यादा मरीजों को वेंटिलेटर की सुविधा नहीं मिल पा रही. जल्द मशीन मरम्मत होकर आएगा, जिसके बाद मरीजों को इसका लाभ मिलेगा. जहां तक चिकित्सकों की कमी की बात है, इसे भी जल्द दूर कर लिया जाएगा.