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बूढ़ा पहाड़ के ग्रामीणों का दर्द : साहब खाने को अनाज नसीब नहीं, मोबाइल कहां से रखेंगे

नक्सलमुक्त होने के बाद भी बूढ़ा पहाड़ के ग्रामीण सरकारी सुविधाओं से कोसों दूर

Arun Kumar Yadav Garhwa : करीब 10 महीने पूर्व सितंबर 2022 में राज्य पुलिस व केंद्रीय सुरक्षाबलों की कड़ी मेहनत और सरकार की दृढ़निश्चता के कारण नक्सलियों के गढ़ बूढ़ा पहाड़ को नक्सल मुक्त कराया गया था. बूढ़ा पहाड़ को जब नक्सल मुक्त कराया गया, तब वहां रहनेवाले लोगों में एक उम्मीद जगी कि अब उनके इलाके का भी विकास होगा, उन्हें भी सरकारी सुविधाओं का लाभ मिलेगा. सरकार ने इस ओर कदम भी उठाया. 27 जनवरी 2023 को राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपने वरीय अधिकारियों के साथ बूढ़ा पहाड़ पहुंच बीपीडीपी योजना की नींव रखी. मगर बूढ़ा पहाड़ के आसपास निवास करने वाले लोगों को अबतक मूलभूत सुविधाओं का लाभ नहीं मिला. बता दें कि बूढ़ा पहाड़ गढ़वा जिला के भंडरिया थाना क्षेत्र के बड़गड़ प्रखंड मुख्यालय से लगभग 35 किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित है. बूढ़ा पहाड़ लंबे समय से नक्सलियों का गढ़ रहा है. सरकार और सुरक्षाबलों की दृढनिश्चता से इसे नक्सल मुक्त कराया जा सका. अब वहां पर पुलिस एवं केंद्रीय सुरक्षा बल सीआरपीएफ 172 बटालियन की टुकड़ी दिन रात वहां सुरक्षा व्यवस्था में तैनात हैं.

राशन, पेंशन एवं आवास योजना से आज भी दूर हैं ग्रामीण 

बूढ़ा पहाड़ के आसपास के इलाके में निवास करने वाले कोरवा, बृजिया एवं आदिवासी समुदाय के लोग सरकार की महत्वकांक्षी योजना राशन, पेंशन एवं आवास योजना के लाभ से वंचित है. बूढ़ा पहाड़ क्षेत्र में आज भी स्वास्थ्य, शिक्षा के अलावा पीने के पानी की भी घोर समस्या है. बूढ़ा पहाड़ के उपर बसे बूढ़ा गांव के लोग नदी, नाले एवं चुआंड़ी का दूषित पानी पीने को मजबूर हैं. ग्रामीणों को पीने के शुद्ध पानी के लिए घर से लगभग डेढ़ से दो किलोमीटर दूर घाटी में उतर कर बूढ़ा पहाड़ कैंप में लगे जल मीनार तक जाना पड़ता है. बूढ़ा पहाड़ के ग्रामीण जगजीवन कोरवा, निर्मल बृजिया, शुकूल बृजिया, करलूस बृजिया आदि ने बताया किहां साहब लोग जब गांव में आते हैं, तो हम लोगों का नाम लिख कर ले जाते हैं, लेकिन उसके बाद सुध लेने कोई नहीं आता. आज भी इलाके की सभी समस्याएं जस की तस बनी हुई है. इसे भी पढ़ें : 17-18">https://lagatar.in/opposition-parties-meeting-in-bengaluru-on-july-17-18-congress-says-will-defeat-fascist-forces/">17-18

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खाने को अनाज नहीं तो मोबाइल कहां से रखेंगे : ग्रामीण

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alt="बूढ़ा पहाड़ के ग्रामीणों का दर्द" width="300" height="200" /> बूढ़ा पहाड़ के ग्रामीणों का दर्द[/caption] नक्सल मुक्त हो चुके बूढ़ा पहाड़ के ऊपर बसे बूढ़ा गांव के बुटन कोरवा, जगजीवन कोरवा आदि ग्रामीणों ने बताया कि वे लोग अपने जीविकोपार्जन के लिए वनोत्पाद पर ही मुख्य रूप से निर्भर रहते हैं. पहले गांव में मजदूरी का भी काम नहीं मिलता था, जिसमें मजदूरी कर अपना भरण-पोषण कर सकें. वर्तमान में बूढ़ा पहाड़ पुलिस कैंप परिसर में कुछ निर्माण कार्य चल रहा है, जिसमें मजदूरी कर हमलोग दो वक्त की रोटी जुगाड़ कर पा रहे हैं. एक सवाल के जवाब में ग्रामीणों ने कहा कि खाने को अनाज नसीब नहीं है तो मोबाइल फोन कहां से रखेंगे. इस डिजिटल युग में भी यहां के ग्रामीण पुराने युग में जी रहे हैं.  

स्वास्थ्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में काफी पीछे है बूढ़ा पहाड़ का इलाका 

बूढ़ा पहाड़ एवं इसके आसपास के गांवों में रहने वाले ग्रामीणों को स्वास्थ्य एवं शिक्षा का उचित लाभ नहीं मिल रहा है. ग्रामीण बताते हैं कि बूढ़ा पहाड़ से लगे गांव खपरी महुआ एवं तुमेरा में सरकारी स्कूल बहुत पहले से बना हुआ है, परंतु शिक्षक कभी-कभी ही स्कूल आते हैं. इस वजह से बच्चे भी काफी कम संख्या में स्कूल जाते हैं. स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी यह इलाका काफी पिछड़ा हुआ है. स्वास्थ्य सुविधा के नाम पर इलाके में कोई व्यवस्था नहीं है. यहां रहने वाले लोग बीमारी के कारण असमय काल के गाल में समा जाते हैं. सरकारी स्वास्थ्य सुविधा के नाम पर बूढ़ा पहाड़ से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर हेसातु गांव में स्वास्थ्य उप केंद्र पूर्व से स्थापित है. जो टीकाकरण के दिन के अलावा कभी खुलता ही नहीं है. स्वास्थ्य उप केंद्र हेसातु में स्वास्थ्य कर्मी के रूप में एक एएनएम एवं एक एमपीडब्ल्यू कार्यरत हैं. परंतु यह उप स्वास्थ्य केंद्र हमेशा बंद ही रहता है. ग्रामीणों ने बताया कि मुख्यमंत्री के आगमन के बाद स्वास्थ्य केंद्र के भवन का रंग रोगन करा कर इसे हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का नाम दिया गया है, परंतु ग्रामीणों का इलाज यहां नहीं होता है.

सभी समस्या को दूर करने की दिशा में चल रहा काम : डीसी

बूढ़ा पहाड़ के आसपास बसे लोगों की समस्याओं को लेकर जब शुभम संदेश की टीम ने गढ़वा डीसी शेखर जमुआर से बात की तो उन्होंने कहा कि सभी समस्या को दूर करने की दिशा में चल रहा है. राशन से संबंधित मामले में ऑनलाइन से संबंधित समस्याएं आ रही है. मैंने जिला आपूर्ति पदाधिकारी को निर्देश दिया है जल्द ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान करें. पेयजल की समस्या दूर करने के लिए पीएचईडी विभाग काम कर रहा है, जल्द ही इस समस्या को भी दूर कर दिया जाएगा. https://lagatar.in/wp-content/uploads/2023/07/6-2.jpg"

alt="" width="600" height="400" /> इसे भी पढ़ें : चाईबासा:">https://lagatar.in/chaibasa-elderly-couple-killed-with-sharp-weapon-in-naxal-affected-area/">चाईबासा:

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