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पाकिस्तान : चीफ जस्टिस की डिप्टी स्पीकर पर तल्ख टिप्पणी, ठीक से जिम्मेदारी नहीं निभाई, आपका फैसला गलत...फैसला सुरक्षित

Islamabad :पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट में आज फिर देश में जारी राजनीतिक संकट को लेकर सुनवाई शुरू हुई. सुनवाई डिप्टी स्पीकर के उस आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर हुई, जिसमें इमरान सरकार के खिलाफ आये अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया था. इसके बाद पाकिस्तान की संसद को भी भंग कर दिया गया और 90 दिनों के अंदर चुनाव कराने की बात कही गयी. सुनवाई के दौरान पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस उमर अता बंदियाल ने  कहा कि एक बात साफ है, रूलिंग गलत है. इसे भी पढ़ें : सपा">https://lagatar.in/babas-bulldozer-ran-at-sp-mlas-petrol-pump-had-said-smoke-will-not-shoot-out-of-our-guns/">सपा

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डिप्टी स्पीकर ने अपना काम ठीक से नहीं किया

पक्षःविपक्ष कीदलीलें सुनने के बाद चीफ जस्टिस उमर अता बंदियाल ने कहा कि संविधान इस बात का अधिकार देता है कि प्रधानमंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सके.  जस्टिस मुनीब अख्तर ने कहा स्पीकर सदन का केयरटेकर है. वह सिर्फ व्यक्तिगत संतुष्टि के लिए वहां नहीं बैठा रह सकता. वह अपनी निजी राय देकर बाकी सदस्यों से गुडबाय नहीं कह सकता. जज ने यह भी कहा कि डिप्टी स्पीकर ने अपना काम ठीक से नहीं किया. चीफ जस्टिस ने कहा कि जाहिर तौर पर उनका फैसला गलत था. इसे भी पढ़ें :  मुर्तजा">https://lagatar.in/murtaza-abbasi-confesses-is-wrong-with-muslims-hence-the-attack-on-gorakhnath-temple/">मुर्तजा

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वोटिंग राइट संविधान और विधानसभा नियमों में आता है

कोर्ट में अटॉर्नी जनरल ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर वोट डालना किसी संसद सदस्य का मौलिक अधिकार नहीं है. वोटिंग का राइट संविधान और विधानसभा नियमों में आता है. अगर कोई स्पीकर किसी सदस्य को सस्पेंड कर देता है तो वह कोर्ट आकर इसकी बहाली नहीं करा सकता है. स्पीकर और डिप्टी स्पीकर के वकील Naeem Bukhari ने आज दलील देते हुए कहा कि संसद में अविश्वास प्रस्ताव लाने को मंजूरी मिलने का मतलब यह नहीं होता कि उसको खारिज नहीं किया जा सकता. इसे भी पढ़ें :  देश">https://lagatar.in/rss-branches-will-start-in-every-village-of-the-country-blueprint-ready-in-presence-of-mohan-bhagwat-in-chintan-shivir/">देश

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90 दिनों के लिए देश को बेसहारा छोड़ दिया गया

स्पीकर के पास इसे खारिज करने का अधिकार है. उदाहरण दिया कि कोर्ट भी तो याचिकाओं को मंजूरी देता है और बाद में उनको खारिज करता है. सुनवाई के क्रम में पाकिस्तान के चीफ जस्टिस ने कड़ी टिप्पणी की, कहा कि मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम में 90 दिनों के लिए देश को बेसहारा छोड़ दिया गया है. बता दें कि पाकिस्तान की संसद भंग कर दी गयी है और 90 दिनों के अंदर वहां चुनाव होने हैं.बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई से पहले विपक्षी पार्टियों ने कहा कि इमरान खान के खिलाफ आये अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करना सीधा संसद पर हमले जैसा है. डिप्टी स्पीकर का यह असंवैधानिक फैसला है और लोकतंत्र पर हमले जैसा है. सभी पक्षों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट  ने फैसला सुरक्षित रखा. [wpse_comments_template]

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