सरकार का विनिवेश टारगेट फेल, 36 में से 9 कंपनियों का हुआ प्राइवेटाइजेशन, 1.75 लाख करोड़ नहीं, लक्ष्य अब 78 हजार करोड़
स्ट्रीट चिल्ड्रेन की पहचान किया जाना आवश्यक है
उपायुक्त ने कहा कि स्ट्रीट चिल्ड्रेन की पहचान के बाद चिह्नित बच्चों को जिला स्तर पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के पोटर्ल बाल स्वराज के एनसीपीसीआर डॉट जीओभी डॉट इन/सीआईएसएस में प्रविष्टि करते हुए विभिन्न सरकारी योजनाओं से लाभान्वित किया जाना है. ऐसे में स्ट्रीट चिल्ड्रेन की पहचान किया जाना आवश्यक है. स्ट्रीट चिल्ड्रेन की श्रेणी में सड़कों पर रहने वाले परित्यक्त बच्चे, सड़कों पर रहने वाले दिव्यांग बच्चे, सड़कों पर रहने वाले अनाथ बच्चे, बालश्रम और कामकाजी बच्चे होते हैं. इसके अलावा बाल भिखारी, कचरा चुनने वाले बच्चे, रेलवे स्टेशन पर रहने वाले बच्चे भी होते हैं. कहा कि इन सभी बच्चों को संरक्षण की आवश्यकता है. इसे भी पढ़ें- SC">https://lagatar.in/scs-advice-to-modi-government-if-fugitives-like-vijay-mallya-nirav-modi-are-ready-to-return-the-money-then-why-not-be-lenient/">SCकी मोदी सरकार को सलाह, विजय माल्या, नीरव मोदी जैसे भगोड़े अगर पैसा लौटाने को तैयार, तो क्यों न नरमी बरती जाये [wpse_comments_template]

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