Medininagar : झारखंड सरकार के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम आपकी योजना,आपकी सरकार- आपके द्वार के तहत गुरुवार को पलामू के मेदिनीनगर से सेवा अधिकार सप्ताह की शुरुआत हुई. शहीद नीलांबर-पीतांबर के शहादत स्थल से कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का दौरा स्थगित होने के बाद वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया. कार्यक्रम में डीसी समीरा एस, एसपी रिष्मा रमेशन, डीडीसी जावेद हुसैन, डीएफओ सत्यम कुमार,एसडीएम सुलोचना मीणा सहित बड़ी संख्या में अधिकारी, जनप्रतिनिधि व स्थानीय लोग मौजूद रहे.
वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने निर्माण कार्यों की गुणवत्ता को लेकर ठेकेदारी व्यवस्था पर सवाल उठाए. कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र में अनटाइड फंड से 75 लाख की योजना स्वीकृत हुई थी, लेकिन ठेकेदार ने 48 फीसदी कम पर टेंडर डाला है. ऐसे में काम की गुणवत्ता कैसी होगी इसका अंदाजा लगाया जा सकता है. इसलिए पूरे झारखंड में टेंडर नियमों में बदलाव की आवश्यकता है.
केंद्र पर लगाया अनुदान रोकने का आरोप
वित्त मंत्री ने केंद्र सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि जल नल योजना के लिए 12,600 करोड़ की राशि तय थी. राज्य सरकार ने 6,300 करोड़ जारी कर दिया, लेकिन केंद्र ने नवंबर तक मिलने वाले 30 करोड़ रुपये का अनुदान रोक दिया है. इससे योजनाएं प्रभावित हो रही हैं. उन्होंने कहा कि पलामू नक्सल प्रभावित क्षेत्र है इसलिए अधिकारी संवेदनशील होकर काम करें.
संवेदनशीलता सरकार की प्राथमिकता
वित्त मंत्री ने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार जनता की समस्याओं को प्राथमिकता से सुन रही है. यह सरकार संवेदनशील है. योजनाएं जमीन पर उतारने और सीधे जनता से संवाद करने पर फोकस कर रही है. यह कार्यक्रम औपचारिकता नहीं, बल्कि परिणाम देने वाला है. उन्होंने अधिकारियों को सभी आवेदनों का निराकरण सुनिश्चित करने की निर्देश दियी. उन्हें जनता के लिए पूरी तन्मयता से कार्य करने की सलाह दी. वहीं, डीसी समीरा एस को कुछ दिनों के अंदर ही सभी आवेदनों का निष्पादन करने का निर्देश दिया.
प्रखंड कार्यालय में प्रभार व्यवस्था खत्म हो: विधायक
कार्यक्रम में स्थानीय विधायक डॉ. शशिभूषण मेहता ने प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े किए. कहा कि मनातू में तीन साल से बीडीओ नहीं हैं. तरहसी में सीओ नहीं हैं और लेस्लीगंज में अंचल कार्यालय की स्थिति दयनीय है. अधिकारी चाय पिलाते हैं लेकिन फाइल पर काम नहीं होता. प्रभार व्यवस्था खत्म कर नियमित नियुक्ति होनी चाहिए. उन्होंने धान खरीद में देरी व पांकी में डिग्री कॉलेज की मांग पर तत्काल कार्रवाई की मांग की. कहा कि राज्य सरकार केंद्र द्वारा मिली राशि से संबंधित खर्च का ब्यौरा ही नहीं दे पा रही है, जिस कारण केंद्र सरकार राज्य के लिए समुचित राशि नहीं भेज पा रही है.
वित्त मंत्री के भाषण के बीच उठी बालू की मांग
वित्त मंत्री जब मंच पर संबोधन कर रहे थे तभी एक स्थानीय जनप्रतिनिधि ने बालू के मुद्दे पर भी वित्त मंत्री से बातें रखने का अनुरोध किया. हालांकि वित्त मंत्री ने बाद में इस मुद्दे पर बात रखने की बात कही. लेकिन अंत में अपने भाषण में इसका कोई जिक्र नहीं किया.
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