क्षेत्र में फैल रही फूलों की खुशबू, व्यापारियों को मिल रहा ताजा फूल
फूलों की खेती से किसानों की आर्थिक स्थिति हो रही मजबूत
कृषि विभाग फूलों की खेती को दे रहा बढ़ावा
पलामू प्रमंडल के 450 से अधिक किसानों के बीच बांटे गये थे फूल के पौधे
Sanjeet Yadav
Palamu: गेंहू, मक्का, धान जैसी पारंपरिक फसलों की खेती छोड़ पलामू प्रमंडल के किसान अब फूलों की खेती में हाथ आजमा रहे हैं. लागत कम और मुनाफा अधिक होने की उम्मीद से किसानों ने पारंपरिक खेती के स्थान पर दूसरे फसलों में रूचि ले रहे हैं. इससे वे आर्थिक रूप से सबल हो रहे हैं और खेती-किसानी में उन्हें मान-सम्मान भी मिल रहा है. पलामू प्रमंडल के जिले पलामू, गढ़वा और लातेहार के कुछ किसानों ने फूलों की खेती कर अपनी अलग पहचान बनाई है. किसान फूलों की खेती में न केवल संभावनाएं तलाश रहे हैं, बल्कि अधिक मुनाफा पाकर आत्मनिर्भर भी बन रहे हैं.
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पलामू प्रमंडल में 459 जबकि जिले में 130 किसान कर रहे फूलों की खेती
फूलों की खेती का सुखद परिणाम भी सामने आया है. खेतों में फूलों की विभिन्न प्रजातियां अपनी खुशबू बिखेर रही है. किसानों की कड़ी मेहनत और कृषि विभाग के सहयोग से यह सब संभव हो पाया है. पलामू प्रमंडल के 459 किसानों के बीच उद्यान विभाग की ओर से फूल के पौधे वितरित किये गये थे. वहीं पलामू में 130 किसान फूलों की खेती कर रहे हैं. पलामू जिले के चैनपुर प्रखंड क्षेत्र के कंकारी, बसरिया कला, सलतुआ, बंदुआ आदि पंचायत के 130 किसानों के बीच गेंदा और ग्लैडियोलस के पौधे उपलब्ध कराये गये थे. चैनपुर के बसरिया कलां की ललिता देवी, मंजू देवी, सोकरा की रीतू देवी, मीना देवी सहित अन्य महिला किसानों ने छोटे-छोटे पैच में फूलों की खेती की.
लातेहार जिले में 20 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फूलों की खेती
लातेहार जिले में 20 किसानों को गेंदा और ग्लैडियोलस फूल के पौधे उपलब्ध कराये गये थे. चंदवा प्रखंड क्षेत्र के किसानों ने 20 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फूलों के पौधे लगाये. ये पौधे संबंधित विभाग ने दिये थे. राजेन्द्र उरांव, निर्मला देवी, सगुना कुमारी आदि किसानों ने फूलों की खेती कर अपनी आमदनी बढ़ाई है.
गढ़वा जिले के 175 किसानों ने लिए थे गेंदा फूल के पौधे
गढ़वा जिले के 60 किसानों को गुलाब, 74 किसानों को ग्लैडियोलस जबकि 175 किसानों के बीच गेंदा फूल के पौधे बांटे गये थे. जिले के मेराल प्रखंड अंतर्गत अरंगी पंचायत के बनखेता गांव निवासी आरमा कुशवाहा और केतार प्रखंड के वेलावार निवासी अल्ताफ अंसारी ने भी फूलों की खेती प्रारंभ की है. किसानों ने बताया कि अन्य पारंपरिक खेती की अपेक्षा फूलों की खेती से उन्हें काफी फायदा हुआ है. आर्थिक समृद्धि आ रही है. फूलों की अच्छी खेती देख उनका मन भी प्रफुल्लित है. अच्छी आमदनी से उनमें संभावनाओं वाली खेती की ओर रूचि भी जगी है. उनका मान-सम्मान भी बढ़ा है और क्षेत्र में अलग पहचान भी बनी है. वेलावार के ही शकील अंसारी, केतार के जितेन्द्र कुमार मेहता, मकरी के नसरूद्दीन मियां, रंका के पिंटू मालाकार आदि ने भी फूल की खेती प्रारंभ की है. इसके अलावा करूआ कला, नगर उंटारी आदि विभिन्न प्रखंडों के गांवों में किसान फूलों की खेती में जोर आजमा रहे हैं.
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अल्ताफ ने एक एकड़ में लगाये विभिन्न प्रजाति के फूल
केतार प्रखंड के वेलावार निवासी अल्ताफ अंसारी एक एकड़ भूमि पर फूलों की खेती कर रहे हैं. वो गेंदा, गुलाब, रजनीगंधा, सूर्यमुखी आदि विभिन्न प्रजाति के फूलों की खेती की है. खेती में उनका परिवार भी सहयोग कर रहा है. फूल को केतार, भवनाथपुर, कांडी और नगर उंटारी के व्यापारी ले जाते हैं. फूल के साथ-साथ वे माला बनाकर भी बेचते हैं. कृषि विभाग से उन्हें सहयोग मिला है. इससे पहले अल्ताफ अंसारी पारंपरिक खेती करते थे, लेकिन उतना मुनाफा नहीं होता था, जितना फूलों की खेती में हो रहा है.
फूलों की खेती में कम लागत में ज्यादा मुनाफा
मेराल प्रखंड के अरंगी बनखेता निवासी आरमा कुशवाहा ने बताया कि कृषि-सह-उ़द्यान पदाधिकारी के प्रयास से उन्हें फूल के बीज उपलब्ध कराये गये थे. फूलों की खेती की जानकारी और उसके फायदे भी बताये गये. इसके बाद फूलों की खेती शुरू कर दी. फूल के साथ-साथ माला बनाकर भी बेचते हैं. इससे उन्हें अच्छी आमदनी हो जाती है. उन्हें फूलों की खेती में ज्यादा फायदा समझ में आ रहा है. कम लागत में ज्यादा मुनाफा हो रहा है. आसपास के किसान भी फूल की खेती देखने आते हैं और इस संबंध में जानकारी प्राप्त कर रहे हैं.
अच्छी आमदनी, आर्थिक रूप से मजबूत हो रहे किसान- शिवशंकर प्रसाद
गढ़वा जिले के कृषि-सह-उद्यान पदाधिकारी शिवशंकर प्रसाद ने बताया कि जिले के किसान पहले गेंहू, धान, मक्का आदि मौसमी एवं पारंपरिक खेती कर जीविकोपार्जन करते थे. किसानों की आमदनी बढ़ाने के उद्देष्य से उद्यान विभाग, गढ़वा ने उद्यान विकास योजना और राज्य वागवानी मिशन योजना के तहत किसानों को गेंदा, गुलाब और ग्लैडियोलस के पौधे उपलब्ध कराया. साथ ही उन्हें जागरूक भी किया. अब यहां के किसान फूलों की खेती से अच्छी आमदनी कर रहे हैं और वे आर्थिक रूप से मजबूत भी होने लगे हैं. फूलों की खेती में किसानों को उनके परिजन भी सहयोग कर रहे हैं.
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फूल की खेती को दिया जाएगा बढ़ावा- शैलेन्द्र कुमार
पलामू के उद्यान पदाधिकारी शैलेन्द्र कुमार ने बताया कि पलामू के चैनपुर प्रखंड में 99 किसानों के बीच गेंदा, जरबेरा एवं ग्लैडियोलस के पौधे उपलब्ध कराये गये थे. इसका बेहतर रिजल्ट देखने को मिला. फूलों की खेती को किसान आमदनी का अच्छा जरिया मानने लगे हैं. प्रारंभिक तौर पर चैनपुर में कलस्टर स्तर पर फूल की खेती कराने के उद्देश्य से किसानों को फूल के पौधे उपलब्ध कराये गये थे. फूल की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है, ताकि किसान बेहतर आमदनी कर दूसरों के लिए प्रेरणास्रोत बन सकें. जिले में अन्य उद्यान वाली फसलों को भी बढ़ावा दिया जा रहा है, ताकि किसान आर्थिक रूप से सबल हों. उन्होंने कहा कि यहां गौर करने वाली बात है कि महिला किसान फूलों की खेती के लिए ज्यादा उत्सुक दिखीं.
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