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पलामूः नवजात की बिक्री मामले में CM के निर्देश के बाद भी परिवार को नहीं मिली राहत

Medininagar : पलामू जिले के लेस्लीगंज थाना क्षेत्र के लोटवा गांव में गरीबी से परेशान रामचंद्र राम व उसकी पत्नी पिंकी देवी द्वारा अपने बच्चे को बेच देने का मामला 5 सितंबर को सामने आया था. यह खबर जैसे ही सार्वजनिक हुई राज्यभर में सनसनी फैल गई. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अगले ही दिन इस मामले में संज्ञान लेते हुए पलामू डीसी को निर्देश दिया कि बच्चे को वापस लाया जाए और परिवार को तत्काल आर्थिक सहायता, आवासीय सुविधा व सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जाए. लेकिन दो महीने बीत जाने के बाद भी परिवार को राहत नहीं मिली. सीएम की घोषणाएं अब तक अधूरी हैं.


 जानकारी के अनुसार, स्थानीय मुखिया द्वारा आवासीय व अन्य सुविधाओं के लिए आधार कार्ड समेत सभी जरूरी सर्टीफिकेट बनाने के लिए प्रखंड कार्यालय में सारे कागजात जमा करवा दिए गए हैं. लेकिन इस मामले में अब तक कार्रवाई नहीं होना प्रशासन पर प्रश्न चिह्न खड़ा कर रहा है.

सीएम के ट्वीट पर हरकत में आया था जिला प्रशासन


मुख्यमंत्री के ट्वीट के बाद जिला प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई की. लेस्लीगंज पुलिस ने लातेहार से बच्चे को रेस्क्यू कर माता-पिता के हवाले किया. जिला बाल कल्याण समिति (CWC) और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे.पूरा परिवार पहले देवी मंडप परिसर में रह रहा था. उसे अस्थायी रूप से एक बंद सरकारी विद्यालय में शिफ्ट किया गया. लेस्लीगंज बीडीओ ने परिवार को तत्काल 20 किलो राशन दिलवाया था.साथ ही आधार कार्ड बनवाने की प्रक्रिया शुरू की गई थी. लेकिन अब तक इसे परिवार को उपलब्ध नहीं कराया गया है.

विवेकानुदान से नहीं मिली आर्थिक मदद 


7 सितंबर को राज्य के वित्त मंत्री स्वयं लोटवा गांव पहुंचे. उन्होंने परिवार को पांच हजार रुपए की तत्काल आर्थिक मदद दी. मुख्यमंत्री विवेकानुदान योजना व मंत्री विवेकानुदान योजना के तहत एक लाख रुपए की सहायता राशि देने की घोषणा की. साथ ही CWC की ओर से बच्चों को 4000 रुपए प्रतिमाह की सहायता देने का निर्णय लिया गया था. परिवार के मुताबिक उन्हें अब तक अलग से कोई आर्थिक लाभ नहीं मिला है. बच्चे की मां पिंकी देवी पिछले कई दिनों से बीमार है. उसका समुचित इलाज नहीं हो पा रहा है.

दो बच्चों को स्पॉन्सरशिप के तहत मिलेगी आर्थिक मदद: सीडब्ल्यूसी 


इस संबंध में पूछे जाने पर बाल कल्याण समिति के रवि कुमार ने बताया कि परिवार के दो बच्चों को सीडब्ल्यूसी लाया गया था. हालांकि बच्चे रहने को तैयार नहीं हुए, तो बाद में परिवार की सहमति से उन्हें घर भिजवा दिया गया. उनका नामांकन सरकारी विद्यालय में हुआ है. उन्होंने बताया कि परिवार के दो बच्चों को नवंबर से स्पॉन्सरशिप के तहत चार–चार हजार रुपए प्रत्येक महीने दिए जाएंगे. मुखिया संगीता देवी ने बताया कि परिवार को आर्थिक सहायता दिलाने तथा अन्य सुविधाओं के लिए आवश्यक कागजात तैयार कर प्रखंड कार्यालय में जमा कर दिया गया है. 


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