Palamu : नगर निगम प्रशासक ने जन्म प्रमाण पत्र जारी करने के नाम पर अवैध वसूली करने वाले कर्मी दीपक ठाकुर को संबंधित काम से हटा दिया है. साथ ही उसके द्वारा बनाए गए प्रमाण पत्र और कागजातों की जांच की जा रही है.
अस्पताल के रिकॉर्ड में बच्चों के नाम नहीं
दीपक द्वारा किए गए फर्जीवाड़े की परतें धीरे-धीरे खुलती जा रही है. वह केवल जन्म प्रमाण पत्र बनाने के एवज में लोगों से हजारों रुपए की अवैध वसूली नहीं करता था. बल्कि गलत जन्म स्थान भी डालता था.
उसने जितने भी जन्म प्रमाण पत्र बनाए हैं, उसमें बच्चों का जन्म स्थान प्रकाशचंद जैन सेवा सदन दर्शाया गया है. लेकिन जब लगातार डॉट इन के संवाददाता ने मामले की पड़ताल की तो पता चला कि इस अस्पताल में इन बच्चों का जन्म ही नहीं हुआ है.
अस्पताल के रिकॉर्ड में भी इन बच्चों का जिक्र नहीं है. ऐसे में यह सवाल उठता है कि जब अस्पताल में बच्चों का जन्म ही नहीं हुआ है, तो उनके नाम पर जन्म प्रमाण पत्र कैसे निर्गत हुआ, यह जांच का विषय है.
जन्म प्रमाण पत्र बनाने के काम से हटाकर निगम ने झाड़ा पल्ला
एक तरफ जहां निगम से जन्म प्रमाण पत्र बनवाने में लोगों को महीनों लग जाते हैं. वहीं दूसरी तरफ दीपक विगत कई वर्षों से लोगों से जन्म पत्र बनाने के एवज में अवैध वसूली कर एक दिन या पंजीयन के दिन ही जन्म प्रमाण पत्र दे देता था.
दीपक को लेकर कई बार शिकायत की गई, लेकिन निगम ने सबको अनसुना कर दिया गया. लगातार डॉट में खबर छपने के बाद निगम में उसे जन्म प्रमाण पत्र बनाने के कार्य से हटाकर अपना पल्ला झाड़ लिया है. लेकिन आगे उस पर क्या कार्रवाई होती है, यह देखने वाली बात होगी.
जांच के बाद ही कुछ बता पाना संभव है - सहायक नगर आयुक्त
इस संबंध में जब सहायक नगर आयुक्त विश्वजीत महतो से बात की तो उन्होंने कहा कि दीपक को जन्म प्रमाण पत्र बनाने के कार्य से हटा दिया गया है. साथ ही उसके द्वारा बनाए गए प्रमाण पत्र और कागजातों की जांच की जा रही है. जांच करने के बाद ही कुछ बता पाना संभव है.
चार मामले, जो खोलते हैं फर्जीवाड़े की परतें
केस 1 : हुसैनाबाद प्रखंड के सतबहिनी के रहने वाले अमन कुमार शर्मा नामक बच्चे का जन्म 2012 में हुआ था. जबकि निगम द्वारा उसे बीते अगस्त में जन्म प्रमाण पत्र निर्गत किया गया है. साथ ही उसके जन्म स्थान के रूप में प्रकाश चंद्र जैन सेवा सदन दर्शाया गया है. संबंधित अस्पताल में उसके जन्म संबंधित कोई भी जानकारी उपलब्ध नहीं है.
केस 2 : अमन कुमार शर्मा की सगी बहन चंचला का भी जन्म प्रमाण पत्र निगम से बीते 23 अगस्त को प्राप्त हुआ है. दोनों के पिता का नाम श्याम नारायण शर्मा है और वे सतबहिनी के रहनेवाले है. प्रमाण पत्र में चंचल का जन्म उसी अस्पताल में 2011 में होने की बात लिखी है. अस्पताल के दस्तावेज में चंचला कुमारी का कोई जिक्र नहीं है.
केस 3 : गढ़वा के कांडी के रहने वाले संतोष राम और इंदु देवी की पुत्री का भी आधार कार्ड से जन्म प्रमाण पत्र बना. जुलाई 2014 में जन्मी मेनका के प्रमाण पत्र में जन्म स्थान के रूप में प्रकाश चंद्र जैन सेवा सदन अंकित है. संबंधित अस्पताल में 3 जुलाई 2014 मेनका का जन्म नहीं होने की पुष्टि हुई है.
केस 4 : गढ़वा के यूपी बॉर्डर से सटे भवनाथपुर के रहने वाले शिवम शर्मा नामक बच्चे का जन्म 17 जनवरी 2020 को हुआ है. उसे 19 अगस्त को जन्म प्रमाण पत्र दिया गया है. उसके भी प्रकाशचंद जैन सेवा सदन में जन्म लेने की बात लिखी गई है. लेकिन प्रबंधन शिवम का जन्म अपने अस्पताल में नहीं होने की बात कर रहा है.
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