दो मासूमों की मौत से मचा हड़कंप, अभिभावकों की बढ़ी चिंता
Medininagar : पलामू जिले में परिवहन विभाग की लापरवाही के कारण स्कूल बसों और वैनों की जांच नाममात्र की रह गई है. विभाग के पास न तो जिले के सभी स्कूलों में संचालित वाहनों की अद्यतन जानकारी है, न ही उन्हें चलाने वाले चालकों व सहयोगियों का कोई ब्योरा. केवल कुछ पंजीकृत विद्यालयों की बसों का ही अधूरा रिकॉर्ड विभाग के पास मौजूद है. ग्रामीण इलाकों की तो बात ही छोड़ दें, जिला मुख्यालय मेदिनीनगर में भी शायद ही कभी स्कूल वाहनों की नियमित जांच की जाती हो. परिणाम स्वरूप स्कूल संचालक बेखौफ होकर नियमों की अनदेखी कर रहे हैं.
ताजा घटनाओं ने विभाग की सुस्ती को उजागर कर दिया है. मंगलवार को शाहपुर के एलकेजी छात्र की बस से कुचलकर मौत हो गई थी. इसके तीन दिन बाद शुक्रवार को हुसैनाबाद थाना क्षेत्र के दुलहर गांव में निजी स्कूल वैन की चपेट में आने से चार वर्षीय बच्चे की मौत हो गई. लोगों का कहना है कि विभाग समय-समय पर जांच कर सुरक्षा मानकों को लागू करता, तो ऐसी घटनाएं रोकी जा सकती थीं. कई स्कूल प्रबंधन कम खर्च में काम चलाने के लिए गैर-लाइसेंसधारी चालकों को नौकरी पर रख लेते हैं.
सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के मुताबिक, स्कूल वैन या बस में लोहे की क्षैतिज ग्रिल लगी होनी चाहिए, वाहन का रंग पीला होना चाहिए और उसके सभी दस्तावेज दुरुस्त होने चाहिए. लेकिन जिले में अधिकतर स्कूल वाहन इन मानकों का पालन नहीं कर रहे हैं.परिवहन विभाग की निष्क्रियता और प्रशासन की चुप्पी से अभिभावकों में भारी आक्रोश है. लोगों ने कहा कि नियमित जांच और कड़ी कार्रवाई नहीं होगी तो मासूम बच्चों की सुरक्षा खतरे में बनी रहेगी.
स्कूल बसों की जानकारी व गाइडलाइन के लिए विभाग ने स्कूल परिवहन के साथ समय-समय पर मीटिंग करने का निर्णय लिया था. लेकिन इस पर अमल नहीं हो पाया. विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, मोटर वाहन निरीक्षक ने कुछ दिन पहले प्राइवेट स्कूल में जाकर स्कूल बसों का जायजा लिया था. हालांकि गिने चुने विद्यालयों में जांच होने के कारण इसमें कोई खास नहीं मिला. विभाग का कहना है कि स्कूल प्रबंधन के साथ मीटिंग कर जल्द ही इस दिशा में कदम उठाया जाएगा.
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