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मेघाहातुबुरु केवी में आयोजित एनएएस परीक्षा की विश्वसनीयता पर अभिभावकों ने उठाए सवाल

Kiriburu : शिक्षा विभाग द्वारा शुक्रवार को केंद्रीय विद्यालय मेघाहातुबुरु में आयोजित नेशनल अचीवमेंट सर्वे (एनएएस) परीक्षा की कार्यप्रणाली व विश्वसनीयता पर बच्चों के अभिभावकों ने सवाल उठाया. विद्यालय के प्राचार्य प्रशांत कुमार षाड़ंगी से मुलाकात कर अभिभावकों ने अपनी शिकायत दर्ज कराते हुए परीक्षा रद्द कराने की मांग की. प्राचार्य ने कहा कि यह विद्यालय की अपनी परीक्षा नहीं है बल्कि सरकार द्वारा आयोजित परीक्षा है जिसे कराने हेतु चक्रधरपुर से ऑब्जर्वर आये हैं. उन्होंने ऑब्जर्वर को बुलाकर अभिभावकों से आमना-सामना कराया लेकिन उन्होंने अभिभावकों के सवालों का कोई जवाब नहीं दिया. किरीबुरु खदान के सहायक महाप्रबंधक पीके सेठी, उनकी पत्नी, प्रभात कुमार पंडा आदि अभिभावकों का आरोप था कि वर्ग 3, 5, 8 एवं 10 के बच्चों के लिये उक्त परीक्षा आयोजित की गई थी. परीक्षा में हमारे बच्चों को शामिल होने संबंधित स्वीकृति पत्र भी लिया गया. लेकिन आज जब हमारे बच्चे परीक्षा देने आये तो उक्त वर्गों के सेक्शन ए और बी से ही 30-30 बच्चों को परीक्षा में शामिल किया गया जबकि सी सेक्शन के बच्चों को शामिल नहीं किया गया. ऑब्जर्वर ने बताया कि ए और बी सेक्शन के बच्चों की संख्या लॉटरी के जरीये जब पूर्ण हो गई इसलिये सी सेक्शन के बच्चों को नहीं लिया गया. इस पर अभिभावक आक्रोशित हो गये एवं कहने लगे कि सी सेक्शन से ही लॉटरी प्रारंभ करते अथवा तीनों सेक्शन से 10-10 बच्चों को शामिल करते. अभिभावकों ने प्राचार्य के सामने यह भी आरोप लगाया कि ए और बी सेक्शन में शिक्षकों व प्रतिष्ठित लोगों के बच्चे शामिल हैं एवं उनकी पढ़ाई ठीक से होती है जबकि सी सेक्शन के बच्चों को ठीक से पढ़ाया नहीं जाता या शिक्षक गायब रहते हैं. इसके अलावे पिछले तीन वर्षों से पीटीए की बैठक आयोजित नहीं की गई. आदि अन्य आरोप लगाये गये. इसे भी पढ़ें : BREAKING">https://lagatar.in/breaking-top-naxal-leader-kishan-da-chauka-arrested-along-with-wife-in-rs-1-crore-prize/">BREAKING

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प्राचार्य प्रशांत कुमार षाड़गी ने लगातार न्यूज को बताया कि अभिभावकों द्वारा लगाया जा रहा आरोप गलत है क्योंकि हमारे शिक्षक सभी सेक्शन के बच्चों को समान रूप से पढा़ते हैं. अक्तूबर माह में दर्जनों शिक्षकों का स्थानान्तरण व पदस्थापना हुआ जिस वजह से शिक्षकों के जाने व योगदान देने में कुछ दिन शिक्षा प्रभावित हुई थी लेकिन अब वैसी कोई समस्या नहीं है. विद्यालय में संचार संबंधित समस्या की वजह से भी ऑनलाइन शिक्षा पर थोड़ा असर पड़ा था लेकिन वह भी समस्या अब नहीं रही. अभिभावकों की सारी शिकायतें पीटीए की बैठक आयोजित कर सुनी व दूर की जायंेगी. उल्लेखनीय है कि नेशनल अचीवमेंट सर्वे परीक्षा का उद्देश्य सभी प्रदेशों के सरकारी स्कूलों सहित सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में पढ़ रहे विद्यार्थियों के सीखने के उपलब्धि स्तर का आकलन करना है. इसके आधार पर भविष्य में स्कूलों और शिक्षकों की शैक्षणिक आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए शैक्षणिक नीतियां और कार्यक्रम तैयार किया जाएगा. इसे भी पढ़ें : EXCLUSIVE">https://lagatar.in/exclusive-why-was-it-difficult-to-catch-kishan-da-a-rs-1-crore-prize-naxalite-how-did-goelkera-escape-in-2018/">EXCLUSIVE

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