New Delhi : संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो रहा है, जो 19 दिसंबर तक चलेगा. सत्र शुरू होने से पहले ही राजनीतिक माहौल गर्म है और इसके हंगामेदार होने के संकेत मिल रहे हैं. विपक्ष देश के 12 राज्यों में चल रही SIR प्रक्रिया को लेकर सरकार को घेरने का काम करेगी. वहीं विपक्ष दिल्ली में हाल ही में हुए आत्मघाती बम धमाके और दिल्ली–एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण पर चर्चा की मांग करेगा.
सरकार पर चर्चा से बचने का आरोप
विंटर सेशन से पहले कांग्रेस नेता उदित राज ने सरकार पर चर्चा से बचने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार चर्चा से लगातार बचती रही है, इसलिए संसद के सत्र जानबूझकर छोटे कर दिए जा रहे हैं. लगातार बाधाओं और बहिष्कार के माहौल के कारण जीरो आवर चलाना भी कठिन हो गया है. यह सरकार लोकतंत्र को खत्म करने की दिशा में बढ़ रही है. उदित राज ने आगे कहा कि वर्तमान समय में SIR प्रक्रिया सबसे बड़ा मुद्दा है. जबकि प्रदूषण की स्थिति भी नियंत्रण से बाहर हो चुकी है, जिस पर गंभीर चर्चा की आवश्यकता है.
वोटर लिस्ट से नाम काटने का मुद्दा संसद में उठाएंगे
कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने भी सरकार को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने कहा कि अगर लोकतंत्र ही बचा नहीं है, तो संसद का अस्तित्व क्या मायने रखता है? चुनाव आयोग को उसकी सीमाओं से मुक्त कर दिया गया है और यह गंभीर चिंता का विषय है. उन्होंने सवाल उठाया कि वे 46 लाख लोग कौन हैं, जिनके नाम वोटर लिस्ट से हटाए गए? मसूद का कहना है कि पार्टी इस मुद्दे को संसद में मजबूती से उठाएगी.
विपक्ष का प्लान- अंदर-बाहर दोनों जगह सरकार को घेरने की तैयारी
कांग्रेस की संसदीय रणनीति समूह की बैठक में राहुल गांधी और सोनिया गांधी की मौजूदगी में तय हुआ कि SIR मुद्दे को संसद में जोरदार तरीके से उठाया जाएगा. राहुल गांधी ने कहा कि बीएलओ की आत्महत्या और वोटर लिस्ट से नाम हटाए जाने के मामलों पर संसद में आवाज उठाई जाएगी. उन्होंने एयर पॉल्यूशन, आतंकी हमले और आंतरिक सुरक्षा का मुद्दा भी प्रमुखता से उठाया जाएगा.
सरकार सुधारों के एजेंडे पर आगे बढ़ने को तैयार
वहीं सरकार इस सत्र में अपने सुधार एजेंडे को आगे बढ़ाने पर फोकस कर रही है. इस दौरान 15 बैठकें होंगी और सरकार 14 अहम विधेयकों को पारित कराने की तैयारी में है. इनमें दिवाला कानून, बीमा, सिक्योरिटीज मार्केट, कॉर्पोरेट कानून, राष्ट्रीय राजमार्ग, उच्च शिक्षा आयोग, एटॉमिक एनर्जी और जीएसटी से जुड़े विधेयक शामिल हैं. सरकार चाहती है कि सत्र सुचारु रूप से चले और गतिरोध से बचने के लिए वह विपक्ष के साथ बातचीत जारी रखने का दावा कर रही है.
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