- 50 नौकरी बाहरियों को व 1 हजार के लिए महिलाओं को लगा रहे लाइन में- जयराम महतो
- हेमंत सरकार पर जमकर बरसे जेबीएसएस प्रमुख
Patamada (Nanda Rajak) : झारखंडी भाषा खतियानी संघर्ष समिति (जेबीकेएसएस) की ओर से बृहस्पतिवार को पटमदा के काटिन में बदलाव संकल्प सभा का आयोजन किया गया. सभा में काफी संख्या में स्थानीय लोग शामिल हुए. सभा में जेबीकेएसएस प्रमुख जयराम महतो मौजूद रहे. उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए जयराम महतो ने कहा कि वे विधायक, सांसद बनने नहीं आए हैं. यहां तक की भड़काने भी नहीं आए हैं. बल्कि आपके अंदर का डर खत्म करने आए हैं, ताकि आप अन्याय, अत्याचार के खिलाफ लड़ सकें. जयराम ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि 50 हजार की नौकरी बाहरियों को और एक हजार की सम्मान राशि के लिए महिलाओं को लाइन में लगा रहे हैं. उन्होंने कहा कि निर्मल दा झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष थे उस समय उनकी हत्या हुई. इसलिए मजबूरी में हेमंत सोरेन श्रद्धांजलि देने आए हैं.
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शहादत में पहला नाम निर्मल महतो का आता है – जयराम
उन्होंने कहा कि जल, जंगल और जमीन की बात करने वाले झामुमो में महासचिव बंगाल के और सलाहकार बिहार-यूपी के लोग बनते हैं. वैसे लोग जिनके बाप दादा की छाती पर गोली लगी है उसकी छाती में बैठकर राज कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि झारखंड के बारे में लोग इसलिए नहीं जानते थे क्योंकि हमारे बारे में लिखने वाला कोई नहीं था. धरती का अगर पहला अंश निकला है तो हमारा सिंहभूम है. किसानों का गांव, किसानों का प्रदेश है झारखंड. सबसे पहले अंग्रेजों ने हमारे बारे में जाना. उससे पहले किसी को सटीक जानकारी नहीं थी. कहा कि 1912 में पहली बार साइमन कमीशन को लिखित रूप से झारखंड मांगा गया. जयपाल सिंह मुंडा के बाद विनोद बिहारी महतो के नेतृत्व में नए दौर की मांग तेज हुई. इस आंदोलन में शहीद निर्मल महतो कोल्हान से थे. आंदोलनकारी तो बहुत हुए लेकिन शहादत में पहला नाम निर्मल महतो का है.
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कई लोगों ने झामुमो छोड़ जेबीकेएसएस का दामन थामा
झारखंड के सबसे बड़े लीडर निर्मल महतो की शहादत हुई उसके बाद ही अलग झारखंड मिला. आज फिर से वह दौर आ रहा है कि हर घर से निर्मल महतो बनना पड़ेगा. कुछ लोग कहेंगे भड़काने के लिए हम आए हैं. निर्मल महतो ने झोला ढोने के लिए शहादत दिया है क्या? कितने जीएम है टाटा की कंपनियों में. 50 साल पहले जमशेदपुर के कई जगहों में खेत हुआ करता था खेती होती थी. हमने जिस विचारधारा के खिलाफ लड़कर अलग राज्य लिया था उन्हीं को मंत्री बनाया गया है. मौके पर झामुमो छोड़कर आए जुगल किशोर मुखी समेत काफी संख्या में लोगों ने जेबीकेएसएस का दामन थामा जिसका स्वागत जयराम महतो ने किया. सभा का संचालन फनी भूषण महतो व बबलू रुहिदास ने किया. मौके पर केंद्रीय कमेटी के फरजान खान, नवीन महतो, किशोरी किस्कू, दिनेश महतो, भास्कर मुखी, सुब्रत महतो समेत हजारों की संख्या में लोग मौजूद थे.
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