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पेगासस जासूसी मामला : सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई , 29 फोन में से 5 में मैलवेयर, लेकिन जासूसी के सबूत नहीं, जांच रिपोर्ट में सामने आया

.NewDelhi : पेगासस जासूसी केस को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. खबरों के अनुसार SC में जमा की गयी टेक्निकल कमेटी की जांच रिपोर्ट पर बहस हुई. टेक्निकल कमेटी द्वारा दायर रिपोर्ट में बताया गया है कि कमेटी को 29 मोबाइल फोन दिये गये थे, जिनमें से 5 में मैलवेयर है, लेकिन यह नहीं कहा जा सकता कि जासूसी की गयी. जानकारी के अनुसार कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा कि केस में केंद्र सरकार की ओर से सहयोग नहीं किया जा रहा है. चीफ जस्टिस ने कहा कि रिपोर्ट बड़ी है और इसे पढ़ने में वक्त लगेगा, इसलिए अगली सुनवाई सितंबर के आखिरी हफ्ते में होगी. इसे भी पढ़ें : महाराष्ट्र">https://lagatar.in/news-from-maharashtra-shiv-sena-ncp-and-congress-will-fight-the-lok-sabha-and-maharashtra-elections-together-to-stop-the-bjp/">महाराष्ट्र

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हम नहीं चाहते कि अदालत पूरी रिपोर्ट दे :  कपिल सिब्बल 

सीजेआई एनवी रमना ने कहा कि पेगासस मामले में बनी जस्टिस रवींद्रन की रिपोर्ट को गुप्त रखने की आवश्यकता नहीं है. सीजेआई की बात पर वकील कपिल सिब्बल ने आपत्ति जताते हुए कहा कि हम नहीं चाहते कि अदालत पूरी रिपोर्ट दे, क्योंकि गोपनीयता को लेकर चिंताएं हैं. कहा कि मेरे मुवक्किलों ने अपने फोन दे दिये हैं. अगर उनमें कोई मैलवेयर था तो हमें सूचित किया जाना चाहिए. इस क्रम में सीजेआई ने कहा कि वह देखेंगे कि रिपोर्ट का कौन सा हिस्सा जारी किया जा सकता है.

 एससी  ने 7 अक्टूबर 2021 को एक्सपर्ट कमेटी गठित की थी

मामला कोर्ट में दायर होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने जांच के लिए 27 अक्टूबर 2021 को एक्सपर्ट कमेटी गठित की थी. सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस आरवी रवींद्रन इसके अध्यक्ष बनाये गये थे. याद करें कि कमेटी गठित करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हर किसी की प्राइवेसी की रक्षा होनी चाहिए. जान लें कि कमेटी में अध्यक्ष जस्टिस आरवी रवींद्रन के साथ पूर्व IPS अफसर आलोक जोशी और डॉक्टर संदीप ओबेरॉय शामिल हैं. पेगासस जासूसी मामले में पत्रकारों और एक्टिविस्ट्स ने अर्जियां दायर की थीं. मांग की गयी थी कि सुप्रीम कोर्ट के जजों की निगरानी में जांच हो. इसे भी पढ़ें : दिल्ली">https://lagatar.in/preparing-to-repeat-maharashtra-in-delhi-aam-aadmi-party-meeting-today-news-of-many-mlas-being-out-of-touch/">दिल्ली

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केंद्र सरकार का SC में हलफनामा

केंद्र सरकार ने इस मामले पर कोर्ट में हलफनामा दायर करते हुए कहा था कि वह कथित पेगासस जासूसी की जांच के लिए एक्सपर्ट कमेटी बनायेगी. इस मामले में कोर्ट ने केंद्र की मोदी सरकार को ट्रिब्यूनल में नियुक्ति के लिए 10 दिन का समय दिया था.

पेगासस स्पायवेयर इजराइली कंपनी NSO ग्रुप ने बनाया है

पेगासस एक स्पायवेयर है. यह जासूसी या निगरानी के लिए इस्तेमाल होने वाला सॉफ्टवेयर है. इसके जरिए किसी फोन को हैक किया जा सकता है. हैक करने के बाद उस फोन का कैमरा, माइक, मैसेजेस और कॉल्स समेत तमाम जानकारी हैकर के पास चली जाती है. पेगासस स्पायवेयर को इजराइली कंपनी NSO ग्रुप ने बनाया है. पेगासस जासूसी लिस्ट में 40 पत्रकार, तीन विपक्ष के बड़े नेता, एक संवैधानिक पद पर बैठा व्यक्ति, मोदी सरकार के दो मंत्री और सुरक्षा एजेंसियों के मौजूदा और पूर्व हेड समेत कई बिजनेसमैन शामिल हैं. जिनपत्रकारों की जासूसी किये जाने का आरोप है, उनमें हिंदुस्तान टाइम्स, इंडियन एक्सप्रेस, TV-18, द हिंदू, द ट्रिब्यून, द वायर जैसे संस्थानों से जुड़े पत्रकार सहित कई स्वतंत्र पत्रकारों के भी नाम हैं. [wpse_comments_template]    

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