Ranchi: झारखंड जन अधिकार मंच के द्वारा आयोजित मोराबादी मैदान में आदिवासी एकता महारैली में भारी संख्या में लोग उमड़े हैं. यह महारैली आरएसएस का संगठन जनजाति सुरक्षा मंच द्वारा हाल ही में आयोजित डी लिस्टिंग महारैली के जवाब में आयोजित किया गया है. इस महारैली में पूर्व मंत्री और प्रदेश कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की, कांग्रेस नेता प्रदीप बालमुचू, सामाजिक कार्यकर्ता दयामणि बारला, रतन तिर्की, प्रभाकर तिर्की, गेलेडशन डुंगडुंग, जगदीश लोहार केंद्रीय सेवा समिति के अध्यक्ष अजय तिर्की, लक्ष्मी नारायण मुंडा, वासवी, कुंदरसी मुंडा सहित झारखंड से हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए हैं.
आदिवासी एकता महारैली में हेमंत सोरेन को जेल भेजे जाने का मुद्दा छाया रहा. वक्ताओं ने कहा कि एक साजिश के तहत मुख्यमंत्री को जेल में डाल दिया गया है. 2024 में आदिवासी अपनी एकता बनाए रखें. भाजपा आरएसएस के इस साजिश कू चक्र का मुंहतोड़ जवाब दें. देश के 12 करोड़ आदिवासी एकजुट हो गये तो मोदी को गद्दी छोड़नी पड़ेगी.
वक्ताओं ने कहा कि हेमंत सोरेन को फंसाया गया है. 2024 में आदिवासी एकजुट होकर इसका जवाब दें, सभी 14 सीट अपने कब्जे में करके इस सरकार को मुंहतोड़ जवाब दें. वहीं विधानसभा में सभी 81 सीट जीतकर हेमंत सोरेन को तोहफा दें.
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ये हैं मुद्दे
-आदिवासी समुदाय के संवैधानिक हक अधिकारों को खत्म करने वाला युनिफॉर्म सिविल कोड कानून नहीं चलेगा.
-प्रकृति पूजक आदिवासी समुदाय के लिए अलग धर्म कोड दिया जाए.
-डिलिसटिंग के नाम पर आदिवासी समाज को लड़ाना बंद किया जाए.
-आदिवासी समुदाय के सभी धार्मिक, सामुदायिक, सामाजिक जमीन को चिह्नितकर दस्तावेज करण किया जाए.
-सीएनटी एक्ट एसपीपी एक्ट जमीन पर छेड़छाड़ करना बंद किया जाए.
-पेशा कानून को राज्य में लागू किया जाए.
-आदिवासी समुदाय की घटती आबादी को रोकने के लिए विशेष कार्य योजना बनाई जाए.
-आदिवासी समुदाय का विस्थापन और पलायन रोकने के लिए तत्काल कदम उठाया जाए.
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