Lucknow : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें अजान के लिये लाउडस्पीकर के इस्तेमाल किए जाने की मांग की गयी थी. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि ‘मस्जिदों में अजान के लिए लाउडस्पीकर का इस्तेमाल मौलिक अधिकार नहीं हैं. जस्टिस विवेक कुमार बिड़ला और जस्टिस विकास बुधवार की डिवीजन बेंच में इस मामले पर सुनवाई हुई.
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मालूम हो कि बदायूं के बिसौली तहसील के दौरानपुर गांव की नूरी मस्जिद के मुतवल्ली इरफान की तरफ से याचिका दाखिल की गयी थी. कहा गया था कि लाउडस्पीकर को लेकर दाखिल की गई याचिका में हाईकोर्ट से कहा गया था कि ‘मौलिक अधिकार के तहत लाउडस्पीकर बजाने की इजाज़त मिलनी चाहिए.याचिका में एसडीएम समेत तीन लोगों को पक्षकार बनाया गया था. एसडीएम द्वारा लाउडस्पीकर के इस्तेमाल की इजाज़त वाली अर्जी को खारिज किए जाने को चुनौती दी गयी थी.
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अदालत ने कहा कि मस्जिद में अजान के लिए लाउडस्पीकर का इस्तेमाल करना मौलिक अधिकार की श्रेणी में कतई नहीं आता है. लाउडस्पीकर की इजाजत़ के लिए कोई अन्य ठोस आधार नहीं दिए गए हैं. अदालत ने इस मामले में दखल देने से इनकार कर दिया है. इसके साथ ही, अदालत ने याचिका में की गयी मांग को गलत बताया और अर्जी को खारिज कर दिया.
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इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस है कि रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर का प्रयोग न किया जाए. हालांकि, ऑडिटोरियम, कॉन्फ्रेंस हॉल, कम्युनिटी और बैंक्वेट हॉल जैसे बंद स्थानों पर इसे बजा सकते हैं.
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