Patna : पटना में जलजमाव की समस्या का मामला हाईकोर्ट पहुंच चुका है. डॉ. प्रभात चंद्रा समेत कई नागरिकों ने पटना हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की है, जिसमें नगर निगम और प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए स्थायी और प्रभावी जलनिकासी व्यवस्था की मांग की गई है.
बारिश आते ही शहर में पानी ही पानी, प्रशासन के दावे फेल
याचिका में कहा गया है कि प्रशासन हर साल दावा करता है कि जलनिकासी दुरुस्त की जा रही है, लेकिन हकीकत यह है कि बारिश शुरू होते ही शहर की सड़कों पर नाव चलाने की नौबत आ जाती है.
राजेंद्र नगर, कंकड़बाग, आशियाना नगर, राजीव नगर और पाटलिपुत्र कॉलोनी जैसे इलाके हर साल भारी जलजमाव से सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं, जिससे लोगों का जनजीवन ठप हो जाता है और स्वास्थ्य पर भी गंभीर खतरा मंडराने लगता है.
अदालत से कार्रवाई की गुहार
याचिकाकर्ताओं ने हाई कोर्ट से अनुरोध किया है कि नगर निगम और प्रशासन को युद्धस्तर पर ठोस और समयबद्ध कार्रवाई करने का निर्देश दिया जाए, ताकि पटना वासियों को जलजमाव की समस्या से निजात मिल सके.
पुराना मुद्दा, अब तक नहीं मिला समाधान
गौरतलब है कि साल 2008 में अधिवक्ता श्याम किशोर शर्मा ने भी इसी मुद्दे पर जनहित याचिका दाखिल की थी, जिसके बाद हाई कोर्ट ने सख्त निर्देश जारी किए थे. लेकिन 16 साल बाद भी हालात में कोई बड़ा बदलाव नहीं आया है, जिससे लोगों में खासी नाराजगी और चिंता देखने को है.
पटना में बारिश ने तोड़ा 28 साल पुराना रिकॉर्ड
बता दें कि पटना में लगातार हो रही बारिश ने 28 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया है. सोमवार को हुई मूसलधार बारिश से शहर के कई हिस्से पानी में डूब गए. निचले इलाकों में मंगलवार तक जलजमाव की स्थिति बनी रही, जिससे आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ.
24 घंटे में 175 मिमी बारिश से शहर जलमग्न
मौसम विभाग के अनुसार 29 जुलाई को 24 घंटे के भीतर पटना में 175.4 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो कि 1997 के बाद अब तक की सबसे अधिक एकदिनी बारिश है. इससे पहले 30 जून 1997 को 181.1 मिमी बारिश हुई थी.
बरसात बनी मुसीबत, कई इलाकों में पानी-पानी
सोमवार की भारी बारिश के बाद पटना के कंकड़बाग, राजेंद्र नगर, बोरिंग रोड, पाटलिपुत्र कॉलोनी समेत कई इलाके घुटनों तक पानी में डूब गए. जलनिकासी की व्यवस्था फेल हो गई, जिससे रास्ते बंद हो गए, वाहन फंसे और लोग घरों में कैद हो गए.
मंगलवार को भी राजधानी में 3.3 मिमी हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई, लेकिन कई मोहल्लों में पानी की निकासी नहीं हो सकी. इससे स्थिति और गंभीर बनी रही. हर साल की तरह इस बार भी जलजमाव को लेकर नगर निगम और प्रशासन की तैयारी सवालों के घेरे में है. लोगों का कहना है कि भारी बारिश तो हर साल होती है, लेकिन समस्या वही पुरानी है.
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