Patna: बिहार की राजनीति में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर नेताओं ने एक-दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इसमें जदयू ने जन सुराज पर निशाना साधा है. जदयू के मुख्य प्रवक्ता और एमएलसी नीरज कुमार एवं जदयू नेता अजीत पटेल ने सोमवार को एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. उन्होंने कहा कि जन सुराज पार्टी में राष्ट्रीय अध्यक्ष का चेहरा तक सामने नहीं आता, प्रशांत किशोर स्वयं को पार्टी का संरक्षक बताते हैं, लेकिन चुनाव आयोग के दस्तावेजों में उनका नाम दर्ज नहीं है. इससे पार्टी के वास्तविक नेतृत्व और नियंत्रण को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है.
उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर की पार्टी को प्रत्यक्ष रूप से फंडिंग नहीं मिल रही, बल्कि एक एनजीओ से आर्थिक सहायता प्राप्त हो रही है. इस एनजीओ का वित्तीय प्रबंधन संदिग्ध व्यक्तियों के हाथों में है, जो बार-बार अपने निदेशकों को बदलते रहते हैं. नीरज ने कहा कि प्रशांत किशोर खुद को गांधीवादी बताते हैं, लेकिन उनकी पदयात्रा पर करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं. जबकि गांधी मैदान में दरियां और कंबल के भाड़े का भुगतान तक नहीं किया गया. ऐसे में जिस एनजीओ के माध्यम से फंडिंग कर पब्लिसिटी की जा रही है, उसकी पूरी प्रक्रिया संदेह के घेरे में आती है.
वल एनजीओ एक चैरिटेबल संस्था के रूप में पंजीकृत है, लेकिन इसे राजनीतिक कार्यों में लिप्त पाया गया है. इसके निदेशक हर 2-3 वर्षों में बदल दिए जाते हैं, जिससे जवाबदेही तय न हो सके. इस एनजीओ के माध्यम से प्रशांत किशोर की पार्टी को अपारदर्शी रूप से फंडिंग दी जा रही है. यदि प्रशांत किशोर पारदर्शिता की बात करते हैं, तो उन्हें अपनी पार्टी की वित्तीय जानकारी सार्वजनिक करनी चाहिए.
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