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पीएम मोदी ने की संतों से अपील, कोरोना संकट को लेकर कुंभ प्रतीकात्मक ही रखा जाये

NewDelhi :  पीएम मोदी ने आज हरिद्वार महकुंभ को सेकर आचार्य महामंडलेश्वर पूज्य स्वामी अवधेशानंद गिरि जी से फोन पर बात की. पीएम ने सभी संतों के स्वास्थ्य का हाल जाना. पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा है कि   मैंने प्रार्थना की है कि दो शाही स्नान हो चुके हैं और अब कुंभ को कोरोना के संकट के चलते प्रतीकात्मक ही रखा जाये. कहा कि इससे इस संकट से लड़ाई को एक ताकत मिलेगी. कहा कि सभी संतगण प्रशासन को हर प्रकार का सहयोग कर रहे हैं. मैंने इसके लिए संत जगत का आभार व्यक्त किया है.

पीएम मोदी के आग्रह पर स्वामी अवधेशानंद ने कहा कि हम पीएम के आह्वान का सम्मान करते हैं. जीवन की रक्षा महत्वपूर्ण है. उन्होंने कोरोना की परिस्थितियों को देखते हुए लोगों से अपील की कि भारी संख्या में स्नान के लिए ना आयें. नियमों का पालन करे.

बता दें कि हरिद्वार में चल रहे कुंभ में साधुओं-संतों और श्रद्धालुओं के कोरोना संक्रमित होने की खबर के बाद प्रशासन हरकत में आ चुका है. कई अखाड़े पहले ही कुंभ से वापसी की घोषणा कर चुके हैं.  

निरंजनी के कुंभ समापन की घोषणा के विरोध में अखाड़े

निरंजनी अखाड़े द्वारा हरिद्वार महाकुंभ के 17 अप्रैल से समापन की घोषणा किये जाने के बाद अन्य अखाड़े इसके विरोध में उतर आये हैं और इस पर माफी मांगने को कहा है. निर्वाणी अणि अखाडा के अध्यक्ष महंत धर्मदास ने कहा कि कुंभ मेले की समाप्ति की घोषणा का अधिकार केवल मेला अधिकारी या राज्य के मुख्यमंत्री को है. उन्होंने कहा कि निरंजनी अखाड़े ने बिना किसी सहमति के ऐसा कहकर समाज में अफरातफरी मचाने का अक्षम्य अपराध किया है और ऐसे में उसके साथ रहना मुश्किल है.

महंत धर्मदास ने कहा कि निरंजनी अखाड़े को अपने ऐसे बयान के लिए पूरे अखाड़ा परिषद के सामने माफी मांगनी चाहिए और तभी उसके साथ आगे बने रहने पर विचार किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि उसका यह फैसला ठीक नहीं है क्योंकि कुंभ के बारे में कोई भी फैसला सभी 13 अखाड़े मिलकर लेते हैं.