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कश्मीर में हिंदू-सिखों की हत्या पर चुप रहने वाले विपक्षियों को पीएम मोदी ने खूब सुनाया, सलेक्टिव मानवाधिकार पर तंज कसा

NewDelhi :   पीएम मोदी ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के स्थापना दिवस पर आज विपक्षी दलों को इशारों-इशारों में खरीखोटी सुना दी. जम्मू-कश्मीर में सिखों और हिंदुओं की चुन-चुनकर की जा रही हत्या को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी ने चुप्पी साधे हुए विपक्षी दलों को निशाने पर लिया. साथ ही मानवाधिकारों के लिए जब-तब प्रदर्शन करने वाले लोगों(संगठनों) को इशारों-इशारों में सुना दिया. इस क्रम में पीएम मोदी ने कहा कि एक ही प्रकार की किसी घटना में कुछ लोगों को मानवाधिकार का हनन दिखता है और वैसी ही किसी दूसरी घटना में उन्हीं लोगों को मानवाधिकार का हनन नजर नहीं आता.   National Human Rights Commission के 28वें स्थापना दिवस पर कार्यक्रम  वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुआ.  कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष भी उपस्थित थे इसे भी पढ़ें : आतंकी">https://lagatar.in/nia-raids-16-locations-in-jammu-and-kashmir-five-locations-in-delhi-ncr-for-terrorist-incidents-drugs/">आतंकी

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मानव अधिकारों पर चुनिंदा व्यवहार लोकतंत्र के लिए खतरा

पीएम मोदी के इस बयान को कश्मीर में हिंदुओं और सिखों की टारगेट किलिंग से जोड़कर देखा जा रहा है. पीएम मोदी ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के स्थापना दिवस पर कहा कि मानव अधिकारों पर चुनिंदा व्यवहार लोकतंत्र के लिए खतरा है. कहा, मानवाधिकार का बहुत ज्यादा हनन तब होता है जब उसे राजनीतिक रंग से देखा जाता है, राजनीतिक चश्मे से देखा जाता है, राजनीतिक नफा-नुकसान के तराजू से तौला जाता है. उन्होंने कहा कि इस तरह का सलेक्टिव व्यवहार, लोकतंत्र के लिए भी उतना ही नुकसानदायक होता है. इसे भी पढ़ें :  राकेश">https://lagatar.in/clean-chit-to-rakesh-asthanas-appointment-will-continue-as-delhi-police-commissioner-high-court-dismisses-plea/">राकेश

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मानवाधिकार की व्याख्या अपने हितों को देखकर कर रहे हैं

पीएम मोदी का कहना था कि हाल के वर्षों में कुछ लोग अपने-अपने तरीके से मानवाधिकार की व्याख्या  अपने-अपने हितों को देखकर कर रहे है. एक ही प्रकार की किसी घटना में कुछ लोगों को मानवाधिकार का हनन दिखता है और वैसी ही किसी दूसरी घटना में उन्हीं लोगों को मानवाधिकार का हनन नहीं दिखता. इस प्रकार की मानसिकता भी मानवाधिकार को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचाती है. उन्होंने कहा,एक ऐसे समय में जब पूरी दुनिया युद्ध की हिंसा में झुलस रही है, भारत ने पूरी दुनिया को अधिकार और अहिंसा का मार्ग सुझाया है.  बापू को देश ही नहीं, पूरा विश्व मानव अधिकारों और मानवीय मूल्यों के प्रतीक के रूप मे देख रहा है. पिछले दशकों में ऐसे कितने ही अवसर विश्व के सामने आये हैं, जब दुनिया भ्रमित हुई है, भटकी है लेकिन भारत मानवाधिकारों के प्रति हमेशा प्रतिबद्ध और संवेदनशील रहा है. इसे भी पढ़ें :   कोयला">https://lagatar.in/important-meeting-in-pmo-today-on-coal-crisis-coal-and-energy-secretary-will-give-information-about-the-current-situation/">कोयला

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