New Delhi : भारत में हर चार में से एक व्यक्ति आर्थिक रूप से सामान्य जीवन नहीं जी पा रहा है. कांग्रेस ने वर्ल्ड बैंक की एक रिपोर्ट के हवाले से यह कहते हुए मोदी सरकार पर हमला बोला है. रिपोर्ट के अनुसार भारत में 35 करोड़ से ज़्यादा लोग सम्मानजनक जीवन नहीं जी पा रहे हैं.
भारत में हर 4 में से 1 व्यक्ति आर्थिक रूप से सामान्य जीवन नहीं जी पा रहा है।
— Congress (@INCIndia) July 5, 2025
- ये वर्ल्ड बैंक का कहना है
• वर्ल्ड बैंक के मुताबिक भारत में 35 करोड़ से ज़्यादा लोग सम्मानजनक जीवन नहीं जी पा रहे हैं।
• यानी इन 35 करोड़ लोगों को पौष्टिक खाना, घर, स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा जैसी… pic.twitter.com/gYVNqNi9ap
इन 35 करोड़ लोगों को पौष्टिक खाना, घर, स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा जैसी ज़रूरी व्यवस्थाएं नहीं मिल रही है. कांग्रेस ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि 2004 से लेकर 2014 तक 10 साल में यूपीए की सरकार में देश के 27 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया था, लेकिन आज मोदी सरकार ने देश में ऐसे हालात बना दिये हैं कि लोग गरीबी और गुरबत में जीने को विवश हैं.
कांग्रेस ने कहा कि इससे साफ है पीएम मोदी ने लोगों को गरीबी के दलदल में धकेल दिया है. पीएम मोदी ख़ुद अपने अमीर दोस्तों के साथ महंगा मशरूम खा रहे हैं और मौज उड़ा रहे हैं.
हालांकि वर्ल्ड बैंक का कहना है कि भारत में बहुआयामी गरीबी में कमी आयी है. रिपोर्ट के अनुसार अगर प्रतिदिन 3 डॉलर (256.44 रुपये खर्च करने की अंतरराष्ट्रीय सीमा को आधार माना जाये तो सरकारी आंकड़ों के अनुसार अब केवल 5 फीसदी भारतीय(लगभग 7 करोड़ लोग) ही अत्यधिक गरीबी में जी रहे हैं.
लेकिन वर्ल्ड बैंक का यह भी कहना है कि भारत जैसे देश के लिए अब 3 डॉलर प्रतिदिन की सीमा सही नहीं मानी जा सकती. भारत की वर्तमान आर्थिक स्थिति के मद्देनजर अब गरीबी को मापने के लिए 4.20 डॉलर प्रतिदिन की लोअर मिडिल इनकम सीमा को सही माना जाना चाहिए.
4.20 डॉलर की सीमा श्रीलंका, नेपाल और बांग्लादेश जैसे देश पहले ही अपना चुके हैं. इस सीमा के अनुसार, भारत में आज 35 करोड़ से ज़्यादा लोग सम्मानजनक जीवन नहीं जी रहे हैं.