भारतीय दूतावासों की स्पेशल टीम तैनात
यूक्रेन से भारतीय नागरिकों के बॉर्डर पार कर हंगरी, पोलैंड, स्लोवाक रिपब्लिक और रोमानिया पहुंचने की संभावना है. विदेश मंत्रालय ने बताया कि इस संभावना को देखते हुए इन चारों देशों के भारतीय दूतावासों से स्पेशल टीम यूक्रेन से सटे बॉर्डर पोस्ट पर भेज दी गई है. ये टीमें वहां पहुंचने वाले भारतीयों के दस्तावेज पूरे करने में मदद करेगी.मोदी ने की हाई लेवल मीटिंग
इससे पहले दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एक हाई लेवल मीटिंग की गई है. इस बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, कैबिनेट सचिव और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी मौजूद रहेहंगरी के विदेश मंत्रियों से बात करेंगे जयशंकर
मीटिंग में यूक्रेन से भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी के वैकल्पिक तरीकों पर चर्चा की गई. विदेश सचिव हर्ष वी. शृंगला ने मीटिंग के बाद बताया कि भारतीय नागरिकों को पोलैंड के रास्ते भारत लाया जाएगा. इसके लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर पोलैंड, रोमानिया, स्लोवाक रिपब्लिक और हंगरी के विदेश मंत्रियों से बात करेंगे. भारत सरकार ने यूक्रेन की सभी यूनिवर्सिटीज से इंडियन स्टूडेंट्स के लिए ऑनलाइन क्लासेज चलाने की रिक्वेस्ट की है.रूसी राष्ट्रपति पुतिन से बात करेंगे पीएम मोदी
विदेश सचिव हर्ष वी. शृंगला ने कहा कि पीएम मोदी ने मीटिंग में स्पष्ट कहा है कि सभी नागरिकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की जाए. इसके लिए सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है. शृंगला ने पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति पुतिन के बीच थोड़ी देर बाद रात में ही बात होने की भी पुष्टि की. शृंगला ने कहा कि एक माह से वहां मौजूद सभी भारतीयों का रजिस्ट्रेशन किया जा रहा था ताकि सही संख्या की जानकारी मौजूद रहे. इसी के आधार पर हमें करीब 20,000 नागरिकों की वहां मौजूदगी की जानकारी है.4000 भारतीय नागरिक यूक्रेन से लौट चुके हैं
अब तक 4000 भारतीय नागरिक यूक्रेन से पिछले कुछ दिन में वापस लौट चुके हैं. दिल्ली में बनाए गए कंट्रोल रूम को अब तक 980 कॉल्स और 350 ई-मेल्स मिल चुके हैं.देश की रक्षा खरीद प्रभावित होने की संभावना
उधर, सूत्रों के हवाले से बताया कि मीटिंग में साथ ही इस संकट के कारण देश के हितों पर होने वाले प्रभाव की समीक्षा भी की गई. दरअसल, यूक्रेन और रूस, दोनों के साथ भारत के एक समान सामरिक व कूटनीतिक रिश्ते हैं. भारत दोनों ही देशों से बड़े पैमाने पर रक्षा उपकरणों की खरीद भी करता है. ऐसे में इस संकट के कारण देश की रक्षा खरीद प्रभावित होने की संभावना बन रही है. सूत्रों का कहना है कि फिलहाल सरकार के सभी शीर्ष लोगों को इस मुद्दे पर डायरेक्ट या इनडायरेक्ट तरीके से कोई भी कमेंट पब्लिकली करने पर रोक लगा दी गई है. इसे भी पढ़ें – रूस-यूक्रेन">https://lagatar.in/russia-ukraine-war-at-its-peak-russia-destroyed-70-military-bases-of-ukraine/">रूस-यूक्रेनमें जंग चरम पर, रूस ने यूक्रेन के 70 सैन्य ठिकानों को किया तबाह [wpse_comments_template]

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