Ranchi : झारखंड की 51,993 अनुसूचित जाति के छात्र-छात्रा पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति योजना से वंचित हैं. इन छात्र-छात्राओं ने 2021-22 में पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति योजना का लाभ पाने के लिए सरकार के e-kalyan पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन किया था. गौरतलब है कि इस योजना के तहत राज्य सरकार 40 फीसदी और केंद्र सरकार 60 फीसदी छात्रवृति की राशि का भुगतान करती है. अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक और पिछड़ा कल्याण विभाग के मुताबिक, राज्य सरकार ने अपने हिस्से की 40 फीसदी की राशि सभी जिलों को आवंटित कर दिया है. शेष बची 60 फीसदी राशि का भुगतान केंद्र सरकार को करना है.
60-40 के प्रावधान के चक्कर में पिस रहे छात्र
केंद्र सरकार के सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्रालय द्वारा चलायी जाने वाली इस योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2019-20 में सरकार की ओर से 23,863 छात्र-छात्राओं को छात्रवृति का भुगतान किया जा चुका है. वहीं 2020-21 में अनुसूचित जाति के 26,582 छात्रों को छात्रवृति का लाभ मिला है. वहीं 2021-22 में मंत्रालय ने छात्रवृति योजना के लिए नयी गाइडलाइन जारी की है. जिसके तहत पहले वाली कमिटेड लाइबलिटी के प्रावधान को खत्म करते हुए 60 और 40 फीसदी की शेयरिंग पद्धति लागू की है.
क्या है पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति योजना
गौरतलब है कि अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों के बीच शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सरकार ने एससी पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति स्कीम शुरू की है. योजना के तहत अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को मैट्रिक के बाद के स्तर पर वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, ताकि वे बिना किसी वित्तीय बाधा का सामना किये अपनी शिक्षा जारी रख सकें. यह योजना सिर्फ भारत में शिक्षा प्राप्त करने के लिए उपलब्ध है. योजना के तहत स्लॉट की कुल संख्या 4200 है.
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