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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संविधान का प्रियंबल पढ़ा, नौ भाषाओं में ट्रांसलेटेड वर्जन जारी किया

 New Delhi : राष्ट्रीय संविधान दिवस पर आज पुराने संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में समारोह का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने की. समारोह में उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला,, केंद्रीय मंत्री सहित दोनों सदनों के सांसद शामिल हुए. समारोह में राज्यसभा सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी  ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई. 

 

 


इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मलयालम, मराठी, नेपाली, पंजाबी, बोडो, कश्मीरी, तेलुगु, ओडिया और असमिया समेत नौ भाषाओं में संविधान का ट्रांसलेटेड वर्जन जारी किया. इस क्रम में राष्ट्रपति ने संविधान का प्रियंबल पढ़ा.

 

 उन्होंने पढ़ा, हम भारत के लोग, भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्व-संपन्न, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए, तथा उसके समस्त नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्राप्त कराने के लिए तथा उन सब में व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखंडता सुनिश्चित करने वाली बंधुता बढ़ाने के लिए दृढ़ संकल्पित होकर अपनी संविधान सभा में आज तारीख 26 नवंबर 1949 ई. को एतद्द्वारा इस संविधान को अंगीकृत,अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं. 

 


राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, संविधान दिवस के इस ऐतिहासिक मौके पर आप सभी के बीच आकर मुझे बहुत खुशी हो रही है. कहा कि आज ही के दिन 26 नवंबर, 1949 को  संविधान भवन के सेंट्रल हॉल में संविधान सभा के सदस्यों ने भारत के संविधान का ड्राफ्ट बनाने का काम पूरा किया था.  

 

राष्ट्रपति ने कहा, इसी दिन  भारत के लोगों ने संविधान अपनाया था.   राष्ट्रपति ने इस क्रम में कहा कि विश्व के विशालतम लोकतंत्र में आज भारत एक उदाहरण बना हुआ है. राष्ट्रपति ने सभी सांसदों व देशवासियों को बधाई दी. 

 

 

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