डीसी सर के आदेश के बाद रखा गया था टाटा जेस्ट वाहन : पूर्व जिला भू-अर्जन पदाधिकारी
पूर्व जिला भू-अर्जन पदाधिकारी सीमा सिंह से जब पूछा गया कि जिला भू-अर्जन पदाधिकारी को दी गयी गाड़ी किसने रखी थी, तो उन्होंने बताया कि गाड़ी डीसी सर के आदेश से रखी गयी थी. गाड़ी का कमर्शिलय रजिस्ट्रेशन न होने के बारे में जब पूछा गया तो उन्होंने बताया कि वो हमें नहीं पता, पर डीसी सर के आदेश के बाद ही हमने गाड़ी रखी थी. लगभग दो वर्ष पहले ही इसके लिए आदेश दिया गया था.टाटा जेस्ट रातू रोड से और महिंद्रा स्कॉर्पियो गुमला के पते से है रजिस्टर्ड
जिला प्रशासन में चलने वाली इन दो गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन निजी है. टाटा जेस्ट JH01CL 8015 गाड़ी के मालिक विष्णु सागर राम हैं. गाड़ी का रजिस्ट्रेशन अल्कापुरी रातू रोड, हेहल, सुखदेव नगर थाना के पता पर किया गया है. वहीं एसडीओ की महिंद्रा स्कॉर्पियो का रजिस्ट्रेशन प्रकाश चंद्र के नाम से है. यह गाड़ी खपीया, गुमला के पते पर रजिस्टर्ड है. इसे भी पढ़ें- सुखदेव">https://lagatar.in/after-the-return-of-sukhdev-and-pradeep-the-equation-of-jharkhand-congress-is-set-to-change-lohardaga-and-ghatshila-will-remain-the-center-point/">सुखदेवऔर प्रदीप की वापसी के बाद झारखंड कांग्रेस का समीकरण बदलना तय, लोहरदगा और घाटशिला रहेगा केंद्र बिंदु
लगातार न्यूज ने की पड़ताल, कैसे रखी गयी गाड़ियां
लगातार न्यूज की पड़ताल में पता चला कि भू-अर्जन पदाधिकारी की टाटा जेस्ट गाड़ी के मालिक विष्णु सागर राम हैं. इस गाड़ी का रजिस्ट्रेशन 28 जून 2017 को किया गया है. गाड़ी का पेमेंट एनएचएआई के द्वारा दी जाने वाली कंटीजेंसी फंड से किया जा रहा है. वहीं गाड़ी मालिक विष्णु राम से जब पूछा गया कि भू-अर्जन पदाधिकारी के पास कब से आपकी गाड़ी है, तो उन्होंने बताया कि डीसी कार्यालय से फोन आया था और कहा गया था कि भू-अर्जन कार्यालय में आपको गाड़ी चलवानी है. हम महीने में इसका बिल बनाकर देते हैं और भू-अर्जन कार्यालय से भुगतान किया जाता है.alt="" width="600" height="375" />
जानिए किस गाड़ी का इस्तेमाल कौन से पदाधिकारी कर रहे, कितना हो रहा भुगतान
आपको बता दें कि गाड़ी नंबर – JH01CL 8015, टाटा जेस्ट जिला प्रशासन में जिला भू-अर्जन पदाधिकारी को दी गयी है. इस गाड़ी का वर्तमान जिला भू-अर्जन पदाधिकारी अंजना दास उपयोग कर रही हैं. वहीं JH01EC 2981, महिंद्रा स्कॉर्पियो का इस्तेमाल रांची के एसडीएम दीपक दूबे कर रहे हैं. ये गाड़ियां निजी तौर पर रजिस्टर्ड हैं, पर इनका इस्तेमाल कमर्शियल तौर पर हो रहा है. जानकारी के अनुसार, एसडीएम की स्कॉर्पियों के लिए हर महीने लगभग 70,000 रुपये का भुगतान किया जा रहा है. वहीं भू-अर्जन पदाधिकारी की गाड़ी के लिए लगभग 1200 रुपये प्रति दिन के साथ तेल के पैसे का भुगतान किया जा रहा है. इसे भी पढ़ें- कोडरमा">https://lagatar.in/koderma-the-game-of-selling-gairmajrua-land-as-a-raiyati-continues-in-jhumritilaiya/">कोडरमा: झुमरीतिलैया में गैरमजरूआ जमीन को रैयती बनाकर बेचने का खेल जारी [wpse_comments_template]

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