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पूर्व DC छवि रंजन, अफसर अली और भानू के खिलाफ नहीं मिली अभियोजन स्वीकृति , ED ने कोर्ट को बताया Deemed Sanction माना जाए

Ranchi :   चेशायर होम की भूमि की अवैध तरीके से खरीद-बिक्री से जुड़े मनी लॉंड्रिंग मामले में ED की ओर से रांची PMLA (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) की स्पेशल कोर्ट में याचिका दायर की है. इस याचिका के जरिये कोर्ट को यह जानकारी दी गई है कि राज्य सरकार ने रांची के पूर्व DC छवि रंजन, रिम्स के कर्मचारी अफसर अली और राजस्व कर्मचारी भानू प्रताप के खिलाफ अब तक अभियोजन स्वीकृति नहीं दी है.

 

पांच माह पूर्व ईडी ने सरकार से मांगी थी अभियोजन स्वीकृति

दरअसल ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के मद्देनजर करीब पांच महीने पूर्व सरकार से छवि रंजन. अफसर अली और भानू प्रताप के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति मांगी थी. लेकिन उक्त आरोपितों के विरुद्ध अब तक अभियोजन स्वीकृति नहीं मिली.120 दिनों बाद भी सरकार से जवाब नहीं मिलने के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पिटीशन दायर कर न्यायालय से सरकार की तरफ से जवाब नहीं मिलने को अभियोजन स्वीकृति मानने (deemed sanction) का अनुरोध किया है.

 

सरकारी अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए लेनी होगी सरकार से अनुमति : सुप्रीम कोर्ट

दरअसल नवंबर 2024 से पहले तक मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में किसी अधिकारी के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए सरकार से अभियोजन स्वीकृति लेने की जरूरत नहीं होती थी. लेकिन इस मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गयी थी. सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई के बाद नवंबर 2024 में दिये गये फैसले में सरकारी अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए सरकार की अनुमति को आवश्यक बताया था.

 

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