Ranchi : 20 सितंबर को कुड़मी समुदाय द्वारा रेल टेका डहर छेका आंदोलन कर खुद को अनुसूचित जनजाति (एसटी) सूची में शामिल करने की मांग उठाए जाने के बाद आदिवासी समुदाय में गहरा आक्रोश है.
विरोध की शुरुआत रांची से हुई और अब यह आंदोलन राज्यव्यापी रूप ले चुका है. झारखंड के सभी जिलों में आदिवासी संगठनों ने कुड़मी की मांग का विरोध करने का ठान लिया है.
रामगढ़ में विरोध प्रदर्शन के दौरान आदिवासियों ने प्रतीकात्मक रूप से टाइगर को टांगकर अपना विरोध दर्ज कराया था. वहीं, इस महीने 4 से 17 अक्टूबर तक ईचागढ़, चांडिल, धनबाद, जमशेदपुर, बोकारो और रांची में बड़े पैमाने पर विरोध कार्यक्रम तय किए गए हैं.
14 सितंबर से शुरू हुआ कुड़मी मांग का विरोध
कुड़मी को एसटी सूची में शामिल करने के खिलाफ आदिवासी संगठनों का विरोध 14 सितंबर से रांची में शुरू हुआ. इसके बाद 20 सितंबर को राजभवन और अलबर्ट एक्का चौक पर हजारों लोगों ने धरना व प्रदर्शन कर विरोध दर्ज कराया. सरायकेला-खरसावां और रामगढ़ में भी विरोध हो चुका है.
रांची में 12 और 17 अक्टूबर को महाआंदोलन
12 अक्टूबर : मोरहाबादी मैदान में आदिवासी अस्तित्व बचाओ मोर्चा का आक्रोश मार्च.
17 अक्टूबर : प्रभात तारा मैदान में आदिवासी बचाओ मोर्चा का विरोध प्रदर्शन.
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