NewDelhi : ज्योतिष्पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने आज शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में जोशीमठ आपदा पर जनहित याचिका दाखिल की है. जनहित याचिका में उत्तराखंड के प्राचीन शहर जोशीमठ और आसपास के क्षेत्र में भू-धंसान को लेकर गुहार लगायी गयी है.
Joshimath land subsidence | Plea filed in Supreme Court to immediately intervene to assist the reparation work of Uttarakhand to provide urgent relief to the people of Joshimath facing extremities and danger to their life and property pic.twitter.com/N5J6oJW5nh
— ANI (@ANI) January 7, 2023
पुष्कर सिंह धामी ने उच्च स्तरीय बैठक की
इसी बीच खबर आयी है कि उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ में भूस्खलन और मकानों में दरार को लेकर आईटीबीपी परिसर में प्रशासन के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की है. श्री धामी ने अघिकारियों से फौरन राहत, पुनर्वास की कार्रवाई करने का आदेश दिया है. साथ ही उन्होंने उन इलाकों का दौरा किया, जहां भवनों-सड़कों में दरारे पड़ गयी हैं.
Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami is holding a high-level meeting with the administration officials and public representatives at the ITBP campus regarding landslides and cracks occuring in houses in Joshimath. pic.twitter.com/h9lLe4Xyl5
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 7, 2023
Uttarakhand | Chief Minister Pushkar Singh Dhami inspects cracks in houses in Joshimath’s land subsidence-affected area. pic.twitter.com/Pckhc50YlX
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 7, 2023
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सरकार को आदेश दें कि फौरन राहत, पुनर्वास की कार्रवाई की जाये
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज की ओर से अधिवक्ता परमेश्वर नाथ मिश्र ने याचिका दायर की है. याचिका में कहा गया है कि भू धंसान की जद में ढाई हजार साल से भी ज्यादा प्राचीन मठ भी आ गया है. पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल हैं. सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई गयी है कि वह सरकार को आदेश दे कि फौरन राहत, पुनर्वास की कार्रवाई की जाये.
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मठ की दीवारों और फर्श पर दरारें आ गयी हैं
जगद्गुरु शंकराचार्य ने जानकारी दी कि मठ की दीवारों और फर्श पर दरारें आ गयी हैं. विकास योजनाओं के कारण इस ऐतिहासिक सांस्कृतिक और प्राचीन धरोहर के अस्तित्व पर संकट आ गया है. याचिका में इस क्षेत्र की जनता के जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भूस्खलन, भू-धंसाव, भूमि फटने जैसी घटनाओं से निपटने के लिए इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की गयी है. सुप्रीम कोर्ट से मांग की गयी है कि वह त्वरित और कारगर कदम उठाने का आदेश केंद्र और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को दे.
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याचिका में केंद्र सरकार, एनडीएमए, उत्तराखंड सरकार सहित अन्य को पक्षकार बनाया गया
यह भी गुहार लगायी गयी है कि एनटीपीसी और सीमा सड़क संगठन को भी राहत कार्यों में मदद पहुंचाने का आदेश दिया जाये. खबरों के अनुसार याचिका में केंद्र सरकार, एनडीएमए, उत्तराखंड सरकार, एनटीपीसी, बीआरओ और जोशीमठ के जिला चमोली के जिलाधिकारी को पक्षकार बनाया गया है. याचिका में प्रभावित लोगों के पुनर्वास के साथ उनको आर्थिक मदद मुहैया कराने का भी आदेश देने की मांग की गयी है.
शुक्रवार की शाम एक मंदिर के ढह जाने से वहां के निवासी चिंतित हैं
बद्रीनाथ, हेमकुंड साहिब और अंतरराष्ट्रीय स्कीइंग स्थल औली जैसे प्रसिद्ध स्थलों का प्रवेश द्वार कहा जाने वाला जोशीमठ आपदा के कगार पर खड़ा है. स्थानीय लोगों ने कहना है कि यहां कई घर धंस गये हैं. खबरों के अनुसार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोखिम वाले घरों में रह रहे 600 परिवारों को तत्काल अन्यत्र भेजे जाने का आदेश दिया है. जोशीमठ में शुक्रवार की शाम एक मंदिर के ढह जाने से वहां के निवासी चिंतित हैं. लोग एक साल से अधिक समय से अपने-अपने घरों की दरकती दीवारों के बीच लगातार भय के साये में जी रहे हैं.
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