ChandiGarh : पंजाब में विधानसभा चुनाव तारीख की घोषणा के अगले दिन यानी आज प्रधानमंत्री मोदी ने सिखों के 10वें गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती के प्रकाश पर्व के मौके पर 26 दिसंबर की तारीख को वीर बाल दिवस के रूप में मनाये जाने की घोषणा की. पीएम मोदी ने कहा कि यह गुरु गोविंद सिंह के चार साहिबजादों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी. पीएम मोदी के इस फैसले को दूसरा मास्टरस्ट्रोक करार दिया जा रहा है.
Today, on the auspicious occasion of the Parkash Purab of Sri Guru Gobind Singh Ji, I am honoured to share that starting this year, 26th December shall be marked as ‘Veer Baal Diwas.’ This is a fitting tribute to the courage of the Sahibzades and their quest for justice.
— Narendra Modi (@narendramodi) January 9, 2022
जानकारों की नजर में इससे पूर्व पीएम मोदी ने पहला मास्टर स्ट्रोक 19 नवंबर को खेला था. गुरुनानक जयंती के मौके पर पीएम मोदी ने देश के किसानों से माफी मांगते हुए कृषि कानून वापस की घोषणा की थी. इस बार पीएम मोदी ने वीर बाल दिवस का ऐलान कर प्रकाश पर्व के मौके पर सिख भावनाओं को जोड़ा है.
इसे भी पढ़ें : यूपी चुनाव : मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भाजपा-सपा पर बोला हल्ला, कहा, सर्वे वाले कम न आंकें, बसपा सरकार बनायेगी
मुगलों ने गुरु गोबिंद सिंह के चारों पुत्रों की हत्या कर दी थी
पीएम मोदी ने प्रकाश पर्व के अवसर पर ऐलान किया कि यह साहिबजादों के साहस और न्याय स्थापना की उनकी कोशिश को उचित श्रद्धांजलि है. जान लें कि मुगलों ने गुरु गोबिंद सिंह के चारों पुत्रों की हत्या कर दी थी. पीएम मोदी ने ट्वीट किया, वीर बाल दिवस उसी दिन मनाया जायेगा, जब साहिबजादा जोरावर सिंह जी और साहिबजादा फतेह सिंह जी ने दीवार में जिंदा चुनवा दिये जाने के बाद शहीदी प्राप्त की थी. इन दो महान हस्तियों ने धर्म के महान सिद्धांतों से विचलित होने के बजाय मौत को चुना.
पीएम ने कहा, माता गुजरी, श्री गुरु गोबिंद सिंह जी और चार साहिबजादों की बहादुरी और आदर्शों ने लाखों लोगों को ताकत दी. उन्होंने कभी अन्याय के आगे सिर नहीं झुकाया. उन्होंने समावेशी और सौहार्दपूर्ण विश्व की कल्पना की. यह समय की मांग है कि और लोगों को उनके बारे में पता चले.
इसे भी पढ़ें : यूपी इलेक्शन : अखिलेश यादव को चाहिए चुनाव लड़ने के लिए आयोग से पैसा, कहा, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में भाजपा हमसे कहीं आगे…
भाजपा को राज्य में काफी विरोध झेलना पड़ा है
बता दें कि तीन कृषि कानूनों के कारण भाजपा को राज्य में काफी विरोध झेलना पड़ा है. एक साल तक किसानों ने दिल्ली की सीमाओं पर डटकर आंदोलन किया. इस दौरान कई किसानों की मौत भी हुई, लेकिन पीएम मोदी के इस पर कुछ न बोलने से किसान संगठनों का गुस्सा और बढ़ा. वहीं पिछले साल नवंबर में जब तीनों कृषि कानून वापस लिये गये, तो इसे चुनावों से पहले भाजपा के पक्ष में बड़ा मास्टरस्ट्रोक कहा गया.
हालांकि पंजाब के कुछ हिस्से में अभी भी किसान संगठन एमएसपी कानून और मृतक किसान के परिवारों को मुआवजे देने के लिए मांग कर रहे हैं. पिछले दिनों पीएम मोदी के दौरे के समय भी पंजाब में जगह-जगह किसानों का प्रदर्शन हो रहा था.
भाजपा-अमरिंदर के गठबंधन को हो सकता है फायदा
समय को भांपते हुए प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार किसानों की नाराजगी दूर करने के साथ-साथ सिख भावनाओं को जोड़ने के लिए कई ऐलान कर रही है. सूत्रों के अनुसार अमरिंदर ने भाजपा के साथ गठबंधन की शर्त भी यही रखी थी कि कृषि कानून वापस लिये जायें अब वीर बाल दिवस की घोषणा से पंजाब के सिख समाज को भी जोड़ा जा रहा है जो अमरिंदर की पार्टी के साथ चुनाव लड़ रही भाजपा के फेवर में जा सकता है.
सुप्रीम कोर्ट में भी सोमवार को इस मामले में सुनवाई होगी
दूसरी ओर, पंजाब में पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक को लेकर सियासत गर्म हुई है. कांग्रेस इस मुद्दे पर घिरी हुई है. भाजपा इसे पीएम मोदी की जान को खतरा बताते हुए भुनाने की कोशिश कर रही है जबकि सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने स्पष्ट करते हुए कहा कि पीएम मोदी के सड़क मार्ग से आने की बात ऐन मौके पर बताई गयी. इस मामले में केंद्र की ओर से तीन सदस्यीय कमिटी भी गठित की गयी. इस क्रम में पंजाब डीजीपी से लेकर फिरोजपुर एसएसपी तक हटाये जा चुके हैं. सुप्रीम कोर्ट में भी सोमवार को इस मामले में सुनवाई होगी.