ChandiGarh : पंजाब सरकार का आर्थिक संकट बढ़ गया है. खबरों के अनुसार विभिन्न विभागों के कर्मचारियों को इस बार सात तारीख होने के बावजूद वेतन नहीं दिया जा सका है. सूत्रों की मानें तो स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों समेत परिवहन विभाग, शिक्षा विभाग, कृषि विभाग के कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला है. स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने कहा कि आमतौर पर पांचवीं तारीख तक वेतन मिल जाता है, लेकिन इस बार सात तारीख तक वेतन नहीं आया है. इससे बच्चों की स्कूल फीस, घर का राशन, किस्त आदि पर प्रभाव पड़ रहा है.
Everyone will receive their salaries in their accounts by today evening. Only the process got delayed, nothing else… there is no shortage of money in Punjab; continuous inflow of money in Punjab’s treasury: Punjab Finance Minister Harpal Singh Cheema
— ANI (@ANI) September 7, 2022
शाम तक सभी का वेतन उनके खातों में पहुंच जायेगा : वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा
वेतन नहीं मिलने को लेकर पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि आज शाम तक सभी का वेतन उनके खातों में पहुंच जायेगा. कहा कि सिर्फ प्रक्रिया में देरी हुई, और कुछ नहीं…पंजाब में पैसों की कोई कमी नहीं है. पंजाब के खजाने में लगातार पैसा आ रहा है. वहीं सीएम भगवंत मान ने कहा, आज शाम तक सैलरी दे देंगे.
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वेतन नहीं मिलने से कर्मचारियों में रोष है
खबर आ रही है कि वेतन नहीं मिलने से कर्मचारियों में रोष है. कर्मचारी कल्याण संघ (स्वास्थ्य विभाग) अमृतसर के अध्यक्ष डॉ राकेश शर्मा के अनुसार मान सरकार को ज्ञापन भेजा जा रहा है. कहा कि वेतन नहीं मिला तो संघर्ष शुरू हो जाएगा. हालांकि खबर आ रही है कि पंजाब सरकार, भारतीय रिजर्व बैंक से 1000 करोड़ रुपये उधार लेगी.
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अगस्त का वेतन सितंबर की सात तारीख तक भी नहीं मिला
जानकारी के अनुसार पंजाब सरकार के कर्मचारियों को अगस्त माह का वेतन सितंबर महीने की सात तारीख तक भी नहीं मिला है. हालांकि आम तौर पर वेतन पहली तारीख को मिल जाता है. पंजाब सिविल सचिवालय स्टाफ एसोसिएशन के अध्यक्ष जसप्रीत रंधावा के अनुसार कर्मचारियों ने वेतन का मुद्दा उच्च अधिकारियों के सामने उठाया है. मगर सात तारीख तक भी अगस्त की तनख्वाह नहीं मिली है.
जसप्रीत रंधावा ने कहा कि वेतन में देरी का क्या कारण है इसकी जानकारी उन्हें नहीं है. कहा कि सरकार की वित्तीय हालत क्या है इससे उन्हें क्या करना है. सरकार के लिए काम करने के लिए वेतन समय पर मिलना चाहिए. कर्मचारियों को अपने घर का खर्चा चलाना होता है और बैंक के कर्जों की इंस्टॉलमेंट्स भी देनी होती हैं, मगर तनख्वाह नहीं मिलने की वजह से हर कोई परेशान हो रहा है.
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जीएसटी मुआवजे के रूप में 16,000 करोड़ रुपये मिलते थे
अधिकारियों का कहना है कि जब से केंद्र की ओर से जीएसटी मुआवजे की मियाद पूरी हो गई है तब से राज्य आर्थिक संकट झेल रहा है. पिछले वित्तीय वर्ष तक पंजाब सरकार को केंद्र से जीएसटी मुआवजे के रूप में 16,000 करोड़ रुपये मिलते थे. इस साल चालू वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही के लिए मुआवजा मिला लेकिन बाद जीएसटी मुआवजे की अवधि 30 जून को पूरी हो गई.
हर महीने 2597 करोड़ रुपये का खर्च
अधिकारियों के अनुसार मार्च 2022 से सरकार में आने के बाद से आम आदमी पार्टी की सरकार समय पर सैलरी का भुगतान करती आयी है और यह पहली बार है जब वेतन जारी करने में देरी हुई. मौजूदा वित्तीय बजट के अनुसार, पंजाब का वार्षिक वेतन बिल हर महीने 31,171 करोड़ रुपये आंका गया है यानी हर महीने 2,597 करोड़ रुपये का फंड जारी करना होता है.
पंजाब पर 2.63 लाख करोड़ का कर्ज
जान लें कि पंजाब पर पहले से ही 2.63 लाख करोड़ रुपये का भारी कर्ज है जो सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) का 45.88 फीसदी है. अगले वित्तीय वर्ष के अंत तक कर्ज बढ़कर 2.84 करोड़ रुपये हो जाएगा. इसके अलावा, राज्य एजेंसियों, बोर्ड और निगमों पर 55,000 करोड़ रुपये का कर्ज है जिसमें से 22,250 रुपये की गारंटी राज्य सरकार ने दी है.
आम लोगों को भी पता नहीं लग रहा कि यह विज्ञापन है या खबर
कांग्रेस नेता परगट सिंह ने आरोप लगाया कि कुछ भी करना हो तो अपनी पॉकेट जरूर देखनी पड़ेगी. पुलिस विभाग के कर्मचारी 24 घंटे ड्यूटी करते है इनका मोरल कैसे विकसित करेंगे. कहा कि मुफ्त की चीजें छोड़ देनी चाहिए. जब महिलाओं को हमारी सरकार में मुफ्त सफर दिया गया, तब मैं भी इसका विरोध कर रहा था. अब आप पार्टी छोटे से छोटे काम की भी पब्लिसिटी कर रही है. खबर के रूप में विज्ञापन दिये जा रहे हैं. आम लोगों को भी पता नहीं लग रहा कि यह विज्ञापन है या खबर है. कहा कि कर्मचारियां को सैलरी समय पर नहीं मिली तो उन पर अविश्वास पैदा हो जायेगा.
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