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जेयूटी के सहायक रजिस्ट्रार निशांत कुमार की नियुक्ति पर उठे सवाल

  • पात्रता और प्रोबेशन नियमों को लेकर विवाद

Ranchi : झारखंड यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी (JUT) में सहायक रजिस्ट्रार निशांत कुमार की नियुक्ति और उन्हें रजिस्ट्रार का प्रभार सौंपे जाने को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं.

 

उनकी पात्रता, अनुभव और नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर कई आपत्तियां सामने आई हैं, हालांकि इस पूरे मामले पर विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से नियमावली के अभाव का हवाला दिया जा रहा है. इस मुद्दे पर टेक्निकल छात्र संघ भी आवाज उठाती रही है.

 

मामले की पड़ताल में सामने आया है कि निशांत कुमार ने मुंबई के सरदार पटेल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में लगभग 10 महीने तक सहायक प्राध्यापक के रूप में कार्य किया. इसके बाद उन्होंने टीसीईटी, मुंबई में 16 महीने तक सहायक प्राध्यापक के रूप में सेवाएं दीं. इसके पश्चात 9 जनवरी 2023 को उन्होंने बीआईटी सिंदरी में सहायक प्राध्यापक के पद पर योगदान दिया.

 

इसी बीच 18 सितंबर 2023 को झारखंड यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी में रजिस्ट्रार पद के लिए रिक्ति अधिसूचित की गई. उसी दिन राज्यपाल सचिवालय को दो पत्र भेजे गए, जिनके आधार पर तीन महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए. इनमें एक निर्णय निशांत कुमार की नियुक्ति से संबंधित था. आदेश में कहा गया:

 

“Sri Nishant Kumar, Assistant Professor, Electronics and Communication Engineering, BIT Sindri be appointed as Assistant Registrar for one year or till regular appointment is made, whichever is earlier.”

अर्थात, उन्हें एक वर्ष या नियमित नियुक्ति होने तक, जो भी पहले हो, सहायक रजिस्ट्रार के पद पर नियुक्त किया गया.

गौरतलब है कि बीआईटी सिंदरी में नियुक्ति के महज 9 महीने के भीतर ही निशांत कुमार को सहायक रजिस्ट्रार बना दिया गया. जबकि झारखंड उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के नियमों के अनुसार किसी भी नई नियुक्ति पर दो वर्ष का प्रोबेशन पीरियड अनिवार्य होता है.

 

ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि प्रोबेशन अवधि पूरी किए बिना किसी सहायक प्राध्यापक को प्रशासनिक पद पर कैसे नियुक्त किया गया.

 

इसके साथ ही यह भी प्रश्न उठाया जा रहा है कि क्या राज्यपाल सचिवालय को निशांत कुमार की प्रोबेशन स्थिति और पात्रता से जुड़ी संपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराई गई थी या नहीं. वहीं, यह बहस भी जारी है कि क्या सहायक प्राध्यापक पद के लिए मात्र 35 महीने (लगभग 2 वर्ष 11 महीने) का शैक्षणिक अनुभव पर्याप्त माना जा सकता है.

 

सबसे अहम सवाल रजिस्ट्रार प्रभार को लेकर है. 18 सितंबर 2023 को जारी रजिस्ट्रार पद की रिक्ति में पात्रता मानदंड में से एक न्यूनतम 15 वर्षों के प्रशासनिक अनुभव का उल्लेख था. वर्तमान में निशांत कुमार न केवल सहायक रजिस्ट्रार हैं, बल्कि रजिस्ट्रार इनचार्ज का दायित्व भी संभाल रहे हैं, जबकि उनकी सहायक रजिस्ट्रार के रूप में नियुक्ति की अवधि भी एक वर्ष से अधिक हो चुकी है.

 

इन सभी मुद्दों पर प्रतिक्रिया के लिए संपर्क करने पर निशांत कुमार ने बताया कि उनकी नियुक्ति राजभवन के आदेश पर हुई है और उन्होंने उसी आदेश के तहत यह पद स्वीकार किया है.

 

वहीं, विश्वविद्यालय की नियमावली को लेकर पूछे गए सवाल पर कुलपति धर्मेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि झारखंड यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी की नियमावली अब तक औपचारिक रूप से लागू नहीं हो पाई है.

 

उन्होंने बताया कि नियमावली तैयार हो चुकी थी, लेकिन झारखंड राज्य विश्वविद्यालय विधेयक 2025 के आने के कारण उसे रोक दिया गया. कुलपति के अनुसार, यह नियुक्ति राजभवन के आदेश से हुई है और उसी का पालन किया जा रहा है.

 

कार्यभार विस्तार को लेकर पूछे गए सवाल पर कुलपति ने कहा कि यह प्रक्रिया “प्रॉपर प्रोसीजर” के तहत की गई है, इसी कारण निशांत कुमार अब तक यह जिम्मेदारी संभाल रहे हैं.

 

विश्वविद्यालय की स्पष्ट नियमावली के अभाव में पात्रता और प्रोबेशन जैसे महत्वपूर्ण मानदंडों पर कोई सख्ती नहीं बरती जा रही है, जिससे जेयूटी की प्रशासनिक नियुक्तियों पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं.

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