Ranchi: झारखंड में बच्चों के पोषण की स्थिति को लेकर राफिया नाज ने हेमंत सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि सरकार बच्चों की सेहत की जगह अपनी छवि और ऐशो-आराम पर ज्यादा ध्यान दे रही है.
राफिया ने बताया कि राज्य में लगभग 45% बच्चे कुपोषण से जूझ रहे हैं.
हर चौथे बच्चे को ठीक से खाना नहीं मिल पा रहा है. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS-5) के आंकड़े बताते हैं कि झारखंड में 42.9% बच्चे कम वजन के हैं. वहीं 39.6% बच्चों की लंबाई सामान्य से कम है, तो 29.5% बच्चे बहुत कमजोर हैंउन्होंने सवाल किया कि जब बच्चों की असली ज़रूरतें पूरी नहीं हो रही हैं तो विज्ञापन और VIP सुविधाओं पर करोड़ों खर्च करने का क्या मतलब है?
राफिया ने यह भी कहा कि आंगनबाड़ी सेविकाओं और सहायिकाओं को महीनों से मेहनताने का पैसा नहीं मिला है. ये महिलाएं दिन-रात बच्चों और गर्भवती महिलाओं की देखभाल करती हैं, लेकिन सरकार उनकी सुनवाई तक नहीं करती. इससे सीधे बच्चे और महिलाएं प्रभावित हो रही हैं.राफिया ने सरकार से मांग की कि आंगनबाड़ी पोषण आहार की राशि तुरंत बढ़ाई जाए. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को समय पर भुगतान मिले. कुपोषित बच्चों की पहचान कर उनके लिए अलग से पोषण योजना बनाई जाए
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