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राहुल का EC पर हमला : वोट चोरी सिर्फ घोटाला नहीं, लोकतंत्र-संविधान से धोखा भी है

  • 1 लाख वोट की हुई चोरी
  • 10-15 सीटें कम होतीं तो मोदी प्रधानमंत्री नहीं होते
  • EC और BJP मिलकर कर रहे वोट चोरी
  • SIR के ज़रिए ढंकी जा रही है संस्थागत वोट चोरी

NewDelhi :  कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर चुनाव प्रक्रिया और चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल उठाए हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि देश में सुनियोजित तरीके से वोट चोरी की जा रही है और इसके पीछे सीधे तौर पर चुनाव आयोग और सत्तारूढ़ भाजपा की मिलीभगत है. राहुल ने इसे केवल एक घोटाला नहीं, बल्कि संस्थागत धोखा करार दिया है. 

 

वोट चोरी नहीं हुई होती तो मोदी आज पीएम नहीं होता

कांग्रेस सांसद ने अपने एक्स हैंडल पर एक वीडियो साझा करते हुए लिखा है कि “वोट चोरी केवल चुनावी घोटाला नहीं है, बल्कि यह लोकतंत्र और संविधान के साथ किया गया एक बड़ा धोखा है. वीडियो में राहुल गांधी ने वोटर लिस्ट में धांधली, नकली वोटर्स की एंट्री और चुनाव नतीजों में असंगति को लेकर कई उदाहरण पेश किए और दावा किया कि अगर इन अनियमितताओं को रोका गया होता, तो देश में आज सरकार किसी और की होती. 

 

राजनीतिक परिवार में जन्मा, चुनाव की बारीकियां जानता हूं

राहुल गांधी ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि  मैं एक राजनीतिक परिवार में पैदा हुआ हूं. जब मैं छोटा था, 1980 में, प्रियंका और मैं घर में लई बनाते थे और रात में निकलकर पोस्टर चिपकाते थे. 20 साल से चुनाव लड़ रहा हूं. मुझे पोलिंग कैसे होती है, वोटर लिस्ट, पोलिंग बूथ मैनेजमेंट, फॉर्म 17 सबकी गहराई से समझ है.

 

चुनाव नतीजों और जनता के मूड में फर्क साफ नजर आने लगा

राहुल ने कहा कि कुछ वर्षों से चुनाव नतीजों में उन्हें असमानता महसूस हुई. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि 

उत्तराखंड में चुनाव हारे, जहां रोड शो में हजारों लोग आए थे, वहां बूथों पर वोट ही नहीं मिला.

2018 में मध्य प्रदेश में सरकार बनी, लेकिन सत्ता हमसे छीन ली गई.

2023 में भारत जोड़ो यात्रा में जबरदस्त सत्ता-विरोधी लहर देखी, लेकिन चुनाव में सिर्फ 65 सीटें मिलीं, यह असंभव है. 

 

महाराष्ट्र चुनाव में मिला पहला सबूत

राहुल गांधी ने दावा किया कि महाराष्ट्र विधानसभा और लोकसभा चुनाव के बीच अचानक वोटर्स की संख्या में इजाफा हुआ और जहां इन नए वोटर्स ने वोट डाला, वह सीधे भाजपा को गया. कहा कि हमने चुनाव आयोग से वोटर लिस्ट और वीडियो रिकॉर्डिंग मांगी, लेकिन देने से मना कर दिया गया. इससे संदेह और गहराया.  क्या चुनाव आयोग भाजपा की मदद कर रहा है. 

 

चुनाव आयोग डिजिटल डेटा क्यों नहीं देता

राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग जानबूझकर केवल फिजिकल डाटा देता है, ताकि गड़बड़ियों को उजागर न किया जा सके. हमें एक सीट पर जांच करने में छह महीने लगे. अगर डिजिटल डेटा हमें मिल जाता तो हम 15 मिनट में बता देते कि कितनी सीटों पर क्या गड़बड़ी हुई है. 

 

10-15 सीटें कम होतीं, तो मोदी पीएम नहीं होते

राहुल गांधी ने कहा कि अगर भाजपा को 10-15 सीटें कम मिली होतीं, तो आज देश में INDIA गठबंधन की सरकार होती. उन्होंने चुनाव आयोग पर सवाल उठाते हुए कहा कि SIR की प्रक्रिया असल में Institutionalised चोरी है. उन्होंने आरोप लगाया कि जब कांग्रेस ने वोटर लिस्ट में गड़बड़ियों को उजागर किया, तब चुनाव आयोग ने SIR के जरिए इसे ढंकने की कोशिश की. 

 

चुनाव आयोग और सरकार पर सीधा हमला

कांग्रेस नेता ने चुनाव आयोग पर निष्पक्षता खो देने का आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव आयोग बीजेपी के साथ मिलकर खुलकर चोरी कर रहा है. उन्होंने चेतावनी दी कि वक्त बदलेगा, सजा मिलेगी. कहा कि जो लोग गरीबों के वोट से उनका हक छीन रहे हैं, उन्हें एक दिन जवाब देना होगा. 

सबूतों के साथ पेश की 5 तरह की चोरी

राहुल गांधी ने एक टीम गठित कर छह महीनों तक चली एक जांच का हवाला देते हुए वोट चोरी के पांच तरीकों का खुलासा किया है. उनका दावा है कि सिर्फ एक सीट पर ही करीब 1 लाख वोट चोरी के पाए गए, जबकि कुल वोटर संख्या 6.6 लाख के आसपास थी. 

डुप्लिकेट वोटर : 11,965

फर्जी पते : 40,009

एक ही पते पर कई वोटर : 10,452

अमान्य फोटो : 4,132

फॉर्म 6 का दुरुपयोग : 33,692

 

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