सिर्फ धांधली हो रही है, ईडी बैठाउंगा, सबकी जांच होगी)
छापेमारी की बड़ी वजह है जेल अंदर एक्टिव सिम
जेल में छापेमारी करने की सबसे बड़ी वजह मोबाइल फोन है. यह पहली बार नहीं है, जब बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में छापेमारी की गयी है. इससे पहले भी कई बार यहां औचक छापेमारी की गयी है. रांची के साथ-साथ धनबाद और हजारीबाग स्थित जेलों में बंद गैंगस्टर्स द्वारा मोबाइल-सेलफोन के जरिये गिरोहों को ऑपरेट करने की खबर आयी थी. इसके बाद छापेमारी की गयी थी. इस दौरान रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल के भीतर 150 से भी ज्यादा मोबाइल सिम एक्टिव पाये गये थे. पुलिस मुख्यालय ने जेल के भीतर सक्रिय सिमकार्ड नंबर, व्हाट्सएप नंबर, आइईएमईआई नंबर और वर्चुअल नंबर के ब्यौरे के साथ यह रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपी थी. इसे भी पढ़ें : Breaking">https://lagatar.in/firing-in-jaipur-mumbai-train-four-passengers-including-rpf-asi-killed-constable-arrested/">Breaking: जयपुर-मुंबई ट्रेन में गोलीबारी, RPF के ASI समेत चार यात्रियों की मौत, कॉन्स्टेबल गिरफ्तार
जेल में बंद हैं मनी लॉड्रिंग के कई बड़े आरोपी
झारखंड में ईडी और आयकर विभाग की कार्रवाई के बाद कई लोगों पर शिकंजा कसा जा रहा है. झारखंड के मनी लान्ड्रिंग केस के कई प्रमुख आरोपी भी इसी जेल में बंद हैं. इसमें निलंबित खान सचिव पूजा सिंघल, रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन, अमित अग्रवाल, मुख्यमंत्री के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा, प्रेम प्रकाश उर्फ पीपी और बच्चू यादव शामिल हैं. इसे भी पढ़ें : सर्वाइकल">https://lagatar.in/cervical-cancer-free-vaccine-for-the-poor-extensive-awareness-campaign/">सर्वाइकलकैंसर : गरीबों को लगे मुफ्त टीका, व्यापक जागरूकता अभियान चले [wpse_comments_template]
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