NewDelhi : रामसेतु को ऐतिहासिक स्मारक घोषित करने की मांग फिर सुप्रीम कोर्ट में उठी है. बता दें कि भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने हामी भर दी है. चीफ जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस हेमा कोहली की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि स्वामी द्वारा मामले की जल्द सुनवाई की मांग के बाद इस पर 9 मार्च को सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा दायर याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा है.
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में छह हजार करोड़ का कोयला घोटाला ! 60 लाख टन कोयला बीच रास्ते से हुआ गायब, दूसरे राज्यों में बेचा गया सुब्रमण्यम स्वामी ने 2018 में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी
जान लें कि इससे पूर्व स्वामी ने 2020 में रामसेतु को ऐतिहासिक स्मारक के रूप में मान्यता देने की याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग की थी. उस समय कोर्ट ने बाद में विचार करने की बात कही थी.खबरों के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने उस समय भी केंद्र सरकार को इस मामले पर एक हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा था. बता दें कि सुब्रमण्यम स्वामी ने 2018 में याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर करते हुए रामसेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने की मांग की थी.
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निदेशालय ने money laundering मामले में एनसीपी नेता और मंत्री नवाब मलिक को गिरफ्तार किया वानर सेना ने बनाया था राम सेतु?
हिंदू धर्म ग्रंथ रामायण` में कहा गया है कि वानर सेना ने श्री राम को लंका पार कराने और सीता माता को बचाने में मदद करने के लिए समुद्र पर एक पुल बनाया था.चूना पत्थर के शोलों की 48 किलोमीटर की श्रृंखला को रामायण के साथ जोड़ दिया गया है. बता दें कि यह इस दावे पर टिका है कि यह मानव निर्मित है. 2007 में एएसआई ने कहा था कि उसे इसका कोई सबूत नहीं मिला है. बाद में इसने सुप्रीम कोर्ट में यह हलफनामा वापस ले लिया. रामायण का समय पुरातत्वविदों और वैज्ञानिकों के बीच एक बहस का विषय है. राम सेतु और उसके आसपास के क्षेत्र की प्रकृति और गठन को समझने के लिए पानी के नीचे पुरातात्विक अध्ययन करने का प्रस्ताव है. [wpse_comments_template]
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