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रामगढ़ः 3 माह से लापता दलित युवक सोनू की गोली मारकर की गई थी हत्या, आरोपी नशा करोबारी गिराफ्तार

रोते-बिलखते परिजन.

टुकड़ों में कंकाल बरामद, विरोध में सड़क जाम


Ramgarh : रामगढ़ कैंट स्टाफ क्वार्टर से करीब तीन माह पूर्व लापता दलित युवक सोनू राम (22 वर्ष) की गोली माकर हत्या की गई थी. पुलिस ने तीन माह बाद उसका कंकाल टुकड़ों में बरामद किया है. रामगढ़ पुलिस ने हत्या के आरोप में नशा का अवैध कारोबार करने वाले  श्रीकृष्णपुरी निवासी रमेश सिंह उर्फ नाना को गिरफ्तार कर लिया है. घटना के विरोध में परिजनों व स्थानीय लोगों ने शुक्रवार को सड़क जाम कर दी. 


आरोप है कि रमेश सिंह उर्फ नाना ने सोनू राम की हत्या गोली मारकर कर की थी. हत्या के बाद शव को ठिकाने लगाने के लिए उसने शव को कई टुकड़ों में काटकर अलग-अलग जगहों पर फेंक दिया था. रामगढ़ पुलिस ने गुरुवार की रात हत्यारोपी की निशानदेही पर अलग-अलग स्थानों से शव के अवशेष (कंकाल) बरामद किए. मामले में पुलिस ने धंधारपोखर, श्रीकृष्णपुरी निवासी रमेश सिंह उर्फ नाना व उसके परिजन को गिरफ्तार कर पूछताछ कर रही है. ज्ञात हो कि सोनू रामगढ़ कैंट स्टाफ क्वार्टर से तीन माह लापता हो गया था.


पुलिस ने गुरुवार की रात आरोपी के घर के बगल स्थित मकान के कुएं से शव के कुछ हिस्से को बरामद किया. शव के अन्य टुकड़े बरामद करने के लिए पुलिस ने कुएं का पानी निकलवाया. इंस्पेक्टर नवीन प्रकाश पांडेय के नेतृत्व में पुलिस ने अन्य जगहों पर फेंके गए शव के टुकड़ों की तलाश में जांच अभियान चलाया.


पूछताछ में यह बात सामने आई है कि आरोपी नाना सिंह ने विश्वकर्मा पूजा के दिन सोनू की धंधारपोखर (ताली दाहिनी छोर पर) स्थित गोरियारीबाग में गोली मारकर हत्या की. इसके बाद तेज धारदार हथियार से उसके शरीर के कई टुकड़े कर दिए और काटे गए हिस्सों को अलग-अलग स्थानों पर फेंक दिया. नाना की निशानदेही पर पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त हथियार व कारतूस भी बरामद किया है. हत्या की वजह अभी पूरी तरह सष्ट नहीं हो पाई है. माना जा रहा है कि यह हत्या नशे के अवैध कारोबार से जुड़ी है. पुलिस लगातार नाना से पूछताछ कर रही है.


इधर सोनू के घरवालों और आस-पड़ोस के लोगों ने हत्यारों को फांसी की सजा और दलित परिवार को मिलने वाले मुआवजे की मांग को लेकर शुक्रवार को रामगढ़ सुभाष चौक को जाम कर दिया. घंटों सुभाष चौक जाम रहने के कारण यातायात पूरी तरह बाधित रहा. रामगढ़ SDO अनुराग तिवारी जाम स्थल पर पहुंचकर परिजनों 20 हजार रुपए आर्थिक मदद स्वरूप दिए. साथ ही घर के एक सदस्य को छावनी परिषद में प्राइवेट बेसिस पर नौकरी, 3 से 5 डिसमिल जमीन और सरकारी प्रावधान के तहत दलित परिवार को मिलने वाला मुआवजा दिलाने का लिखित आश्वासन दिया. हत्या का मुकदमा फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने की भी बात कही. इसके बाद जाम हटाया गया. 


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