Ranchi : अर्चा साहित्य कला अकादमी के तत्वाधान में आर्यभट्ट ऑडिटोरियम में आयोजित More than Hundred Voices in Panchkavi Sangeet कार्यक्रम हुआ. जिसमें झारखंड ने एक नया इतिहास रचा दिया. बुलू रानी सेन द्वारा शंखध्वनि, वेदपाठ और दीप प्रज्वलन से कार्यक्रम की शुरुआत हुई.
इसमें रांची, जमशेदपुर, बोकारो सहित विभिन्न राज्यों दिल्ली, कोलकाता, हैदराबाद से संगीत प्रेमी पहुंचे थे. कार्यक्रम की शुरूआत दीप प्रज्वलित से हुई. जिसमें अभिजीत घोष, पी.के.लाल,अनिरुद्ध दत्त, डॉ.पम्पा सेन विश्वास, रघुवंश,सिद्धार्थ घोष और अशोक कुमार विश्वास मौजूद थे. वेदपाठ गगन देव मिश्र ने किया.
सम्मानित हुए कलाकार
इस दौरान अकादमी की अध्यक्ष डॉ.पम्पा सेन विश्वास ने सभी अतिथियों का स्वागत एवं सम्मान किया. अनुष्ठान में गाए जाने वाले गीतों की पुस्तक का विमोचन हुआ. कार्यक्रम में 100 से अधिक कलाकार एक मंच पर जुटे. एक जैसे परिधान पहने हुए थे. सभी ने एक स्वर एक राग में 10 गीत प्रस्तुत किए.अकादमी द्वारा वर्षभर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. जिसमें सेमिनार और निःशुल्क संगीत, गीता पाठ और संस्कृत की शिक्षा दी जाती है.
120 कलाकारों ने पांच कवियों की रचनाएं प्रस्तुत की
कार्यक्रम का संपूर्ण निर्देशन डॉ.पम्पा सेन विश्वास ने किया और संगीत निर्देशन में उन्हें अशोक कुमार विश्वास का सहयोग मिला. मेंटर के रूप में कई वरिष्ठ कलाकार उपस्थित रहे. पांच महान कवियों रवींद्रनाथ, नजरुल, दिजेंद्रलाल, अतुल प्रसाद एवं रजनीकांत सेन की रचनाओं को 120 कलाकारों ने सामूहिक रूप से प्रस्तुत कर जीवन दर्शन को उजागर किया. कार्यक्रम का संचालन शिवांशु दास गुप्ता ने किया.
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