Ranchi: बिजली बिल भुगतान करने के नाम पर साइबर अपराधी ठगी कर रहे हैं. झारखंड सीआईडी ने कार्रवाई करते हुए दो साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है और एक को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है. बता दें कि रांची के अरगोड़ा थाना क्षेत्र के रहने वाले रतन लाल गुप्ता से बिजली बिल भुगतान करने के नाम पर क्विक सपोर्ट ऐप डाउनलोड करा कर साइबर अपराधियों ने तीन लाख रूपया की ठगी कर ली थी. जिसके बाद इसकी शिकायत साइबर सेल से की गई थी. इस मामले के जांच के दौरान झारखंड सीआईडी ने कार्रवाई करते हुए जामताड़ा जिले के विष्णु गोराई और देवघर जिले के नारायण कुमार को गिरफ्तार किया है. वही देवघर के सारठ थाना क्षेत्र स्थित चंद्रवंशी पेट्रोल पंप के मैनेजर टिंकू रवानी को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है. इसे भी पढ़ें–
JSSC">https://lagatar.in/jssc-rules-amendment-hearing-will-continue-in-the-high-court-on-wednesday-know-what-happened-in-the-court-today/">JSSC
रूल्स संशोधन: हाईकोर्ट में बुधवार को भी जारी रहेगी सुनवाई, जानें आज कोर्ट में क्या हुआ पेट्रोल पंप मालिक की मिलीभगत से ठगी
सीआईडी जांच में खुलासा हुआ है कि गिरफ्तार हुए साइबर अपराधियों के द्वारा भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड के चंद्रवंशी पेट्रोल पंप के मालिक की मिलीभगत से स्मार्ट फ्लीट कार्ड का प्रयोग कर ठगी की जा रही थी. किसी भी वाहन के नाम पर तेल बिक्री के एवज में पैसे लेते थे. नामांकित वाहन को तेल ना देकर साइबर अपराधियो के द्वारा डीजल या पेट्रोल लेकर स्थानीय क्षेत्रों में अवैध बिक्री किया जाता था. इसे भी पढ़ें–
धनबाद">https://lagatar.in/signature-campaign-launched-on-the-demand-of-aiims-airport-and-central-university-in-dhanbad/">धनबाद
में एम्स, एयरपोर्ट व केंद्रीय विवि की मांग पर चलाया हस्ताक्षर अभियान 
https://lagatar.in/wp-content/uploads/2022/09/ggggg-2.jpg"
alt="" width="600" height="350" />
ऐसे करते थे ठगी
साइबर अपराधियों द्वारा झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड के नाम पर आम लोगों को फर्जी एसएमएस भेजकर बिजली काटने का भय दिखाते हुए ऐप इंस्टॉल करवाते थे. इसके बाद ठगी का प्रयास करते थे. इसके अलावा भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड के स्मार्ट फ्लीट कार्ड को फर्जी नाम, पता वाहन संख्या और मोबाइल नंबर पर रजिस्टर कर फर्जी कार्ड के माध्यम से ठगी होती है. भारत पेट्रोलियम के पेट्रोल पंप पर साइबर ठगी से प्राप्त रुपये का भुगतान करते हैं, और उस राशि के एवज में डीजल या पेट्रोल लेकर उसे उचित दाम पर बेचते हैं. [wpse_comments_template]