स्कैम : विष्णु अग्रवाल की बेल पर कोर्ट ने ED को जवाब दाखिल करने का दिया निर्देश
जानें कैसे साइबर अपराधियों ने किया ठगी
साइबर सेल थाना में रांची के रहने वाले विनय मिश्रा और शिल्पी सिंह ने मामला कराया था. दर्ज शिकायत में कहा गया था कि इनके टेलीग्राम पर इंटरनेशनल वर्चुअल नंबर के माध्यम से संपर्क किया गया. जिसमें उन्हें यूट्यूब पर वीडियो लाइक करके पार्ट टाइम जॉब करने का काम दिया गया. इसके बाद उन्हें एक अन्य टेलीग्राम प्रोफाइल से संपर्क कर यूआरएल पर रजिस्टर कर वीडियो लाइक करने का काम दिया गया. इस यूआरएल के माध्यम से दिए गए टास्क को करने के लिए इन्हें विभिन्न बैंक खाताओं में पैसे डालने को बोला गया. शुरू में झांसे में लेने के लिए इनके अकाउंट में कुछ पैसे डाले गये. लेकिन बाद में पैसे डालना बंद कर दिया गया और इस तरह से इनके साथ कुल 84.32 लाख रूपये की साइबर ठगी कर ली गयी. इसी प्रकार साइबर अपराधियों ने एक अन्य मामलों में सीबीआई का कस्टमर केयर प्रोवाइडर बनकर केवाईसी अपडेट करवाने के नाम पर कुल 20.40 लाख का ठगी कर लिया. इन दोनों काण्डों में अनुसंधान के क्रम में संलिप्तता के बिंदु पर अनुसंधान करते हुए 14C गृह मंत्रालय, भारत सरकार और इओयू बिहार पुलिस के साथ समन्वय स्थापित करते हुए काण्ड में संलिप्त साइबर अपराधकर्मियों का गिरफ्तार किया गया.इस तरह के साइबर अपराध से बचने का तरीका
1. किसी भी अनाधिकृत ऐप का इस्तेमाल करने से बचे, इसके साथ ही अपनी पर्सनल जानकारी किसी के साथ भी शेयर न करें. 2. व्हाट्सएप, टेलीग्राम, गूगल एड के माध्यम से भेजे जाने वाले पार्ट टाइम जॉब से संबंधित एड के लिंक पर क्लिक न करें, न ही लिंक के माध्यम से किसी वेब पोर्टल या एप्लीकेशन पर रजिस्टर करें. 3. अपने डेटा को सिक्योर रखने के लिए अपने एप्लीकेशन के परमिशन को हमेशा चेक करते रहें. 4. सेंडर एड्रेस पर भी आपको ध्यान देना चाहिए. इस तरह के मैसेज मिलने पर ये देखें कि किस तरह के नंबर से मैसेज आ रहा है. इसे भी पढ़ें -चारा">https://lagatar.in/fodder-scam-more-than-50-convicted-including-former-mla-gulshan-lal-azmani/">चाराघोटाला : पूर्व विधायक गुलशन लाल आजमानी समेत 50 से अधिक दोषी करार [wpse_comments_template]
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