हार्ट अटैक के मरीजों के लिए सड़क जानलेवा
सुपरस्पेशलिटी ब्लॉक में हृदय रोग के मरीजों का सबसे ज्यादा इलाज होता है. एक्सपर्ट डॉक्टरों की माने तो हार्ट अटैक के समय गोल्डन ऑवर में मरीज अस्पताल पहुंच जाते हैं तो उनकी जान बचने की उम्मीद ज्यादा रहती है. लेकिन रिम्स के कार्डियोलॉजी विभाग पहुंचने से पहले ही एम्बुलेंस समेत किसी भी वाहन को ऊबड़खाबड़ रास्ते से होकर ही गुजरना पड़ता है. ऐसे में मरीजों की जान सांसत में रहती है. इसे भी पढ़ें-बालू">https://lagatar.in/looting-of-sand-or-exemption-of-administration-how-are-the-construction-of-government-buildings-happening/">बालूकी लूट या प्रशासन की छूट, आखिर कैसे हो रहे सरकारी भवनों के निर्माण !
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लालू यादव थे तो सड़क पर था ध्यान
जब तक लालू यादव रिम्स के पेइंग वार्ड में भर्ती रहे, तब तक सड़क की मरम्मत होती रहती थी. क्योंकि हर शनिवार को देशभर के लोग लालू से मुलाकात के लिए यहां पहुंचते थे. ऐसे में सड़क में डस्ट भरकर उसे समतल कर दिया जाता था. लेकिन लालू के जाते ही सड़क की स्थिति जर्जर हो गई है.राज्यपाल-स्वास्थ्य मंत्री को दूसरे रास्ते से लाया जाता है
पद्मश्री सिमोन उरांव को ब्रेन स्ट्रोक की समस्या के बाद रिम्स के ऑन्कोलॉजी विभाग स्थिति न्यूरोलॉजी में एडमिट किया गया था. उनकी सेहत का हाल जानने के लिए 30 जुलाई को राज्यपाल रमेश बैस और 31 जुलाई को स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता रिम्स पहुंचे थे. रिम्स प्रबंधन को भी खराब सड़क की जानकारी थी. तभी तो उन्हें हॉस्टल के रास्ते ऑन्कोलॉजी विभाग तक लाया गया था, ताकि प्रबंधन अपनी कमियों को छुपा सके. इसे भी पढ़ें-बोले">https://lagatar.in/kejriwal-said-praise-of-education-model-was-printed-in-new-york-times-then-cbi-raided-bjp-said-got-it-printed-by-paying-money/">बोलेकेजरीवाल, न्यूयॉर्क टाइम्स में शिक्षा मॉडल की तारीफ छपी, तो सीबीआई ने छापा मारा, भाजपा ने कहा, पैसे देकर छपवाया
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