Ranchi : शहीद चौक स्थित महिला थाना इन दिनों विक्षिप्त महिलाओं के लिए अस्थायी शरणस्थली बनता जा रहा है. हर महीने तीन चार मानसिक रूप से बीमार महिलाओं को पीसीआर व स्थानीय लोग थाना परिसर में छोड़ जा रहे हैं.
इससे थाने की महिला पुलिसकर्मियों के लिए हालात संभालना मुश्किल हो जाता है. इसके अलावा कभी महिला थाना को भटकती विक्षिप्त महिलाए के बारे में सूचना भी दी जाती है. इसको लाने में भी महिला थाना को भूमिका अहम हो जाती है.
रातभर हंगामा, पुलिसकर्मियों से हाथापाई
दो दिन पहले एक मानसिक रूप से विक्षिप्त महिला को पीसीआर वैन द्वारा महिला थाना लाया गया. सोमवार और मंगलवार को महिला ने पूरी रात दिन थाने में हंगामा किया. उसने पुलिसकर्मियों को गाली-गलौज की और हाथापाई तक कर दी. थाने में ड्यूटी कर रही महिला पुलिस पूरी रात जागकर हालात संभालती रही.
कोर्ट आदेश के बिना भेजना मुश्किल - थाना प्रभारी
महिला थाना प्रभारी रेणुका टुडु ने बताया कि कोर्ट के आदेश के बाद ही विक्षिप्त महिलाओं को मेडिकल जांच के उपरांत रिनपास (मानसिक अस्पताल) भेजा जा सकता है. बिना आदेश के हमें उन्हें थाने में ही रखना पड़ता है.
जनता भी थाने में छोड़ जा रही विक्षिप्त महिलाएं
पुलिस के अनुसार, शहर में जब भी कोई विक्षिप्त महिला सड़कों पर भटकती मिलती है, तो स्थानीय लोग या पीसीआर उसे सीधे महिला थाना में छोड़ देते हैं. कई बार इनमें से कुछ महिलाएं हिंसक व्यवहार करती हैं, जिससे थाने में तैनात पुलिसकर्मियों को अतिरिक्त सतर्क रहना पड़ता है.
महिला थाना पर बढ़ रहा है सुरक्षा बोझ
लगातार छोड़ी जा रही विक्षिप्त महिलाओं और बढ़ते केसों के कारण महिला थाना के संसाधनों पर दबाव बढ़ गया है. पुलिस कर्मियों का कहना है कि ऐसे मामलों के लिए स्थायी आश्रय केंद्र या पुनर्वास व्यवस्था की जरूरत है.
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