Ranchi: जीईएल चर्च में महिला पुरोहिताभिषेक के 25 गौरवशाली वर्षों के उपलक्ष्य में रजत जयंती समारोह की शुरुआत हुई. मंगलवार को चर्च के सेंट्रल काउंसिल, महिला संघ और जुबली कमेटी द्वारा एकदिवसीय सेमिनार का आयोजन एचआरडीसी में आयोजित की गई.
कार्यक्रम का थीम था-आशा से भरपूर जो महिलाओं के आत्मबल और नेतृत्व क्षमता को उजागर करता है. सेमिनार में पांच डायसिस के 60 महिला पुरोहितों और महिला संघ की वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुईं.
चर्च सेक्रेटरी अमित लकड़ा ने बताया कि सेमिनार का मुख्य उद्देश्य महिला पुरोहितों को एक मंच पर लाना, उन्हें कलीसिया की बेहतर सेवा के लिए प्रेरित करना और बदलते सामाजिक परिवेश में चुनौतियों से निपटने के उपाय सुझाना है.
सेमिनार के पहले सत्र में चर्च के लीगल एडवाइजर वेकंटेश गोपाल ने महिलाओं को चर्च प्रशासन, संविधान और नीतियों की विस्तृत जानकारी दी. वहीं दूसरे सत्र में महिला पुरोहितों ने अपने अनुभव साझा किए और मौजूदा समस्याओं पर खुलकर चर्चा की.
इन मुद्दों को ध्यान में रखते हुए जुबली कमिटी भविष्य में एडमिनिस्ट्रेशन, अकाउंट, कम्युनिकेशन, पत्रकारिता और जागरूकता जैसे विषयों पर और सेमिनार आयोजित करेगी.
सेमिनार में मॉडरेटर बिशप मार्शल केरकेट्टा, जनरल सेक्रेटरी अटल ईरद खेस, वीमेन डेस्क की प्रेसिडेंट रेव्ह शमारानी कंडुलना, सेक्रेटरी रेव्ह शशिरीता कंडुलना, रेव्ह अशीषन बागे और एचआरडीसी के प्रवीण बागे समेत अन्य उपस्थित रहे.
इस अवसर पर मॉडरेटर मार्शल केरकेट्टा ने कहा कि चर्च में महिला पादरियों का अभिषेक जरूरी है. उनकी भागीदारी और बराबरी सुनिश्चित की जानी चाहिए. बाइबल में भी महिला नेतृत्व और सेवा को महत्व दिया गया है. चुनौतियां हैं, लेकिन हमें मिलकर उनका सामना करना होगा.
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