Ranchi : झारखंड हज हाउस में आज वक्फ संपत्तियों से जुड़े प्रबंधकों के लिए प्रशिक्षण एवं कार्यशाला का आयोजन किया गया. संयुक्त मुस्लिम संगठन द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में मस्जिद, मदरसा, ईदगाह, कब्रिस्तान, मजार और खानकाह के प्रबंधन से जुड़े 200 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया.
कार्यशाला में विशेषज्ञ एस. अली ने बताया कि राज्य में निबंधित और अनिबंधित मिलाकर हजारों वक्फ संपत्तियां मौजूद हैं. नए वक्फ कानून 2025 की धारा 3बी के अनुसार, सभी संपत्तियों का पूरा विवरण 5 दिसंबर 2025 तक उम्मीद सेंट्रल पोर्टल-2025 पर अपलोड करना अनिवार्य है. अब तक झारखंड की कुल 196 संपत्तियों जिनमें 44 निबंधित और 152 अनिबंधित शामिल हैं. इसका विवरण पोर्टल पर डाला जा चुका है.
पूर्व शिक्षा मंत्री बंधु तिर्की ने कहा कि कई वक्फ संपत्तियां पुराने कागजों, मौखिक परंपराओं या वक्फ बाई यूजर के आधार पर स्थापित हैं, जिनका रिकॉर्ड पोर्टल पर डालना चुनौतीपूर्ण हो रहा है. उन्होंने कहा कि मालिकाना हक से जुड़े विवाद भी सामने आ रहे हैं. इन समस्याओं के समाधान के लिए वे अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री और मुख्यमंत्री से मिलकर उचित कदम उठाने की मांग करेंगे.
कार्यक्रम में मौलाना साबिर मजाहरी, जियाउल होदा, मौलाना अबुल कलाम, मुन्तजिर अहमद रज़ा, जलील अंसारी, मेराज गद्दी, तनवीर अहमद, नदीम खान, मुस्लिम अंसारी, मजकूर आलम, मियाजान अंसारी, रहमतुल्लाह अंसारी, नौशाद आलम, इस्मे आज़म, जियाउद्दीन अंसारी, अंजुमन खान, मुन्तज़िर खान और अब्दुल्लाह अंसारी समेत कई लोगों ने अपने विचार रखे.
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