Ranchi : रांची के सरकारी स्कूलों के बच्चों को अब सिर्फ पढ़ना-लिखना ही नहीं, बल्कि बोलने और लीडरशिप में भी चैंपियन बनाया जाएगा. जिला शिक्षा विभाग ने 'समूह चर्चा' (Group Discussion) को लेकर एक नया और आसान नियम (SOP) जारी किया है. यह कदम बच्चों के लिए जिला प्रशासन के पॉपुलर प्रोग्राम 'रांची स्पीक्स' को और मजबूत करेगा.
क्यों है यह ज़रूरी?
अधिकारियों का कहना है कि समूह चर्चा से बच्चों में तीन सबसे ज़रूरी चीज़ें विकसित होंगी:
बोलने का कॉन्फिडेंस: बच्चे बिना डरे अपनी बात रखना सीखेंगे.
सोचने की ताकत (Analytical Thinking): किसी भी मुद्दे पर वे बेहतर ढंग से सोच और बहस कर पाएंगे.
टीम लीडर बनना: ग्रुप में काम करना और सबको साथ लेकर चलना सीखेंगे
नए नियम की 4 आसान बातें:
कितने बच्चे? एक ग्रुप में 8 से 15 बच्चे होंगे.
कितनी देर? हर चर्चा सिर्फ 30 मिनट की होगी.
कितनी बार? हर बच्चे को महीने में कम से कम एक बार चर्चा में भाग लेने का मौका मिलेगा.
कौन सा विषय? विषय वही होंगे जो बच्चे क्लास में पढ़ते हैं, ताकि उनका ज्ञान पक्का हो.
टीचर्स क्या करेंगे?
शिक्षकों की ज़िम्मेदारी है कि वे चर्चा के लिए अच्छा और शांत माहौल बनाएं.
वे बच्चों को विषय समझाएंगे और उन्हें गलतियां सुधारने (Feedback) में मदद करेंगे, ताकि बच्चे खुलकर बोल सकें.
यह नई पहल रांची के सभी सरकारी स्कूलों में लागू होगी. इसका सीधा मकसद है कि 'रांची स्पीक्स' के तहत शुरू की गई बच्चों को बोलने की कला को और ज़्यादा मजबूती मिले और वे भविष्य के लिए पूरी तरह तैयार हो सकें.
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